- योगी आदित्यनाथ 2017 में यूपी के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद इस एक्सप्रेसवे का बजट फिर से तैयार हुआ. तो अखिलेश के समय में हाईवे बनाने पर जितना खर्च दिखाया गया था उससे क़रीब 614 करोड़ रूपये कम लागत आ गई.
नई दिल्ली: पीएम नरेन्द्र मोदी इसी महीने योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर सकते हैं. उस हाईवे का काम क़रीब 97 प्रतिशत पूरा हो गया है. ये एक्सप्रेसवे लखनऊ से शुरू होकर बिहार-यूपी बॉर्डर पर गाजीपुर तक जाता है. उसके बन जाने से दिल्ली और वाराणसी का सफ़र आसान होगा और कम समय भी लगेगा. गोरखपुर और अयोध्या जैसे शहरों को भी इस एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है.
सब कुछ ठीक ठाक रहा तो प्रधानमंत्री इसी महीने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर सकते हैं. यूपी सरकार ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. अब इंतज़ार पीएम के समय मिलने का है. बारिश के कारण एक्सप्रेसवे को बनने में अधिक समय लग गया. इस प्रोजेक्ट के बारे में सबसे पहले मायावती सरकार में चर्चा हुई थी. फिर अखिलेश यादव के सीएम बनने के बाद इस पर काम शुरू हुआ.
एक्सप्रेसवे बने के लिए किसानों से ज़मीन लेने का काम शुरू हुआ. लेकिन इसी बीच चुनाव हो गया और अखिलेश की सरकार चली गई. योगी आदित्यनाथ 2017 में यूपी के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद इस एक्सप्रेसवे का बजट फिर से तैयार हुआ. तो अखिलेश के समय में हाईवे बनाने पर जितना खर्च दिखाया गया था उससे क़रीब 614 करोड़ रूपये कम लागत आ गई. एक बार जब बजट बन गया फिर यूपीडा मतलब यूपी एक्सप्रेसवेज इंदुस्तरीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इस पर काम शुरू किया.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बन जाने से यूपी के कई इलाक़ों की तक़दीर और तस्वीर बदल सकती है. ये हाईवे लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, अमेठी, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आज़मगढ़, मऊ और ग़ाज़ीपुर से होकर जाती है. इसे बनाने में क़रीब 22494 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है. ज़मीन के बदले सिर्फ़ किसानों को मुआवज़ा देने में ही 11 हज़ार करोड़ खर्च हो गए हैं.