- बिजनेस डेस्कः मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमण्यम ने बुधवार को कहा कि भारत इस दशक में सात प्रतिशत से अधिक की आर्थिक वृद्धि दर्ज करेगा। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 10 प्रतिशत से अधिक रहेगी। हालांकि, अगले वित्त वर्ष में यह घटकर 6.5 से 7 प्रतिशत रह जाएगी।
आर्थिक समीक्षा 2020-21 में चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। आर्थिक समीक्षा जनवरी में जारी की गई थी। सुब्रमण्यम ने कहा, ”यदि आप वास्तविक आंकड़ों को देखें, तो वी आकार (गिरावट के बाद तीव्र वृद्धि) के सुधार तथा तिमाही वद्धि के रुख से यह स्थापित होता है कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। हमने जो सुधार किए हैं, आपूर्ति पक्ष के उपाय किए हैं, उनसे न केवल इस साल बल्कि आगे भी मजबूत वद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि यह दशक भारत का समावेशी वृद्धि का दशक होगा। अगले वित्त वर्ष 2022-23 में हमारा वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। उसके बाद सुधारों की वजह से वृद्धि दर और रफ्तार पकड़ेगी। मेरा अनुमान है कि औसतन इस दशक में वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहेगी।” उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि सरकार पूंजीगत व्यय पर भी ध्यान दे रही है। इसका व्यापक प्रभाव होता है। आम बजट 2021-22 में पूंजीगत व्यय 5.54 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह 2020-21 के बजट अनुमान से 34.5 प्रतिशत अधिक है।