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उच्च शिक्षा की राह का रोड़ा नहीं बनेगी भाषा,


नई दिल्ली। कोई भी छात्र अब सिर्फ भाषा की वजह से उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा, बल्कि उन्हें अपनी मातृभाषा में किसी भी पसंदीदा कोर्स में आगे की पढ़ाई का पूरा मौका मिलेगा। इंजीनियरिंग के बाद सरकार की कोशिश उच्च शिक्षा से जुड़े ऐसे सभी कोर्सों में भाषा की उस दीवार को तोड़ने की है, जिसके लिए अभी अच्छी अंग्रेजी को जानना जरूरी है। यही वजह है कि नर्सिंग, मैनेजमेंट सहित सभी कोर्सों की पढ़ाई अब अंग्रेजी के साथ उन सभी दूसरी भारतीय भाषाओं में भी कराने की है, जिसमें देश के अलग हिस्सों में अभी स्कूली शिक्षा दी जा रही है।

 

छात्रों को भाषा विकल्प मुहैया कराने की तैयारी

हालांकि फिलहाल उच्च गुणवत्तावाले इंजीनियरिंग, मेडिकल व ऐसे दूसरे संस्थानों और कोर्सों को इससे अलग रखा जाएगा जहां यह संभव नहीं होगा। बताया जा रहा है कि प्रयोग सफल होने के बाद दूसरे स्तर पर भी इसे अपनाने पर विचार किया जाएगा। वैसे भी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) आने के बाद सरकार का जोर छात्रों को स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक उनकी मातृभाषा में देने को लेकर है।