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उत्तर प्रदेश में कहां चूका समाजवादी पार्टी का गठबंधन ! बड़े-बड़े दावे किए लेकिन भाजपा ने पछाड़ा


नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की एक तरफा जीत हो रही है। अभी आ रहे चुनाव परिणामों के अनुसार भाजपा 246 विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी यानी सपा 122 सीटों पर बढ़त बनाए है। भाजपा लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश में सरकार बना रही है। समाजवादी पार्टी यानी अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश की जनता का वो समर्थन नहीं मिला जिसकी उन्हें उम्मीद थी। आइये जानते हैं बड़े-बड़े वादे किए जाने के बाद भी जनता ने अखिलेश यादव और उनके गठबंधन को क्यों नकार दिया है।

ला एंड आर्डर के मुद्दे पर फेल हुए अखिलेश

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ला एंड आर्डर (कानून व्यवस्था) के मुद्दे पर पूरी तरह फेल हो गए। जनता भाजपा के शासन में अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही है। इसलिए उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का ला एंड आर्डर जनता को अभी भी भा रहा है और अखिलेश यादव पूरी तरह फेल हो गए।

लाभार्थी योजनाओं पर लोगों ने सपा के वादों पर नहीं किया विश्वास

चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश यादव ने छात्रों और बेरोजगार युवाओं के लिए कई तरह की योजनाओं को शुरू करने का एलान किया था। युवाओं और छात्रों ने अखिलेश के इन वादों पर भरोसा नहीं जताया है।

किसान आंदोलन का नहीं चला मुद्दा

सपा गठबंधन यानी राष्ट्रीय लोकदल पार्टी (आरएलडी) का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अच्छी पकड़ वाली पार्टी मानी जाती है। किसान आंदोलन पर आरएलडी व सपा गठबंधन को वो फायदा नहीं मिला जो मिलना था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत अन्य हिस्सों में किसान आंदोलन का मुद्दा नहीं चला। यहां तक की लखीमपुर खीरी में भाजपा आठों की आठों सीटों पर जीत दर्ज कर रही है। यहीं पर किसानों पर गाड़ी चलाने मुद्दा खूब जोरों पर उठा था।