राज्य ब्यूरो, देहरादून: भाजपा सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत की कांग्रेस में लौटने की चर्चा है। रविवार को दिल्ली रवाना हो गए। मंत्री हरक सिंह रावत अपनी पुत्रवधू के लिए भी टिकट की मांग कर रहे हैं, लेकिन भाजपा तैयार नहीं है। हरक सिंह रावत मार्च 2016 में आठ अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ हुए भाजपा में शामिल हुए थे।
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। कोटद्वार मेडिकल कालेज से लेकर अब टिकट को लेकर नाराजगी की बात सामने आ रही है। इंटरनेट मीडिया पर भी मंत्री हरक सिंह रावत के दिल्ली रवाना होने पर उनके कांग्रेस में शामिल होने की खूब चर्चा हो रही है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत कुछ समय पहले कोटद्वार मेडिकल कालेज को लेकर चर्चा में रहे थे। हरक सिंह रावत लैंसडौन क्षेत्र से अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के लिए पार्टी नेतृत्व से टिकट मांग रहे हैं। माना जा रहा कि पार्टी नेतृत्व ने लैंसडौन सीट से उनकी पुत्रवधू को टिकट दिए के संबंध में कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है, जिससे वह नाराज हैं और इसीलिए वह बीते शनिवार को भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में भी शामिल नहीं हुए।
24 दिसंबर को कैबिनेट बैठक छोड़कर चले गए थे मंत्री
दरअसल, मंत्री हरक सिंह ने पिछले चुनाव में अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में मेडिकल कालेज निर्माण का वायदा किया था। त्रिवेंद्र सरकार से लेकर धामी सरकार तक के कार्यकाल में वह इसे पूरा नहीं करा पाए। हाल के दिनों में उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से भी इस संबंध में अनुरोध किया था। इस पर उन्हें आश्वासन भी मिले, लेकिन एक ही जिले में दो मेडिकल कालेज का मानक भी आड़े आ रहा है। मेडिकल कालेज के नहीं बनने से क्षेत्रीय जनता के बीच से भी सवाल खड़े हो रहे थे। 25 दिसंबर को कैबिनेट बैठक में कोटद्वार मेडिकल कालेज से संबंधित प्रस्ताव न लाए जाने से नाराज होकर हरक सिंह रावत बैठक छोड़कर चले गए थे। हालांकि बाद में आखिरकार राजकीय मेडिकल कालेज कोटद्वार के निर्माण कार्यों के लिए 25 करोड़ की धनराशि सरकार ने स्वीकृत कर दी थी।