बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान राउत ने कहा, ‘मैं निशब्ध हूं. इस बयान को सुनने के बाद उन परिवारों का क्या होगा, जिन्होंने ऑक्सीजन की कमी के चलते अपने करीबियों को खो दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘सरकार के खिलाफ एक मामला दर्ज होना चाहिए. वे झूठ बोल रहे हैं.’ स्वास्थ्य मंत्रालय संभालने वाले मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से मिली रिपोर्ट्स के आधार पर डेटा तैयार किया गया था. राज्यसभा में उन्होंने कहा था कि राज्यों से सभी मामले और मौतों को दर्ज करने के लिए कहा गया है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा था कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से ऑक्सीजन की कमी के चलते मौतों की जानकारी नहीं दी गई है. उन्होंने कहा, ‘हालांकि, दूसरी लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में बढ़त के कारण केंद्र सरकार को समान वितरण के लिए कदम उठाना पड़ा था.’ उन्होंने बताया कि पहली लहर में 3 हजार 95 मीट्रिक टन की तुलना में दूसरी लहर में मांग 9 हजार मीट्रिक टन के करीब पहुंच गई थी.