नई दिल्ली, । कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें उसने कहा है कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पार्टी के घोषणापत्र में बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का वादा शामिल है, जिसमें कहा गया है कि वे कानून और संविधान का उल्लंघन करते हैं और समुदायों के बीच दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देते हैं।
कांग्रेस ने बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के होसपेटे के एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘आज हनुमान जी की इस पवित्र भूमि को नमन करना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है और दुर्भाग्य देखिए, मैं आज जब यहां हनुमान जी को नमन करने आया हूं उसी समय कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है। पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है।
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बजरंग दल के ऊपर बैन लगाने के प्रश्न पर कहा कि ‘मैं प्रधानमंत्री के भाषण पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं, उन्होंने जो भी कहा वह उनके विचार हैं। मोदी जी कभी भी संसद में जवाब नहीं देते तो मैं उनके हर प्रश्न के जवाब क्यों दूं।’
कांग्रेस के घोषणापत्र में क्या था?
कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है, ‘हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र हैं। कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते। हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे।’