भोपाल, । कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को मांग की है कि वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) को “माइक्रोचिप फ्री बैलेट बॉक्स” में रखा जाए। साथ ही चुनाव के परिणाम केवल वीवीपीएटी के आधार पर घोषित किए जाएं।
जानकारी के मुताबिक दिग्विजय सिंह ने कहा, “हमारी मुख्य मांग यह है कि जिस बॉक्स में मतदाता वीवीपीएटी डालते हैं उसमें कोई माइक्रोचिप नहीं होनी चाहिए और चुनाव के नतीजे उसी के आधार पर घोषित किए जाने चाहिए। फिलहाल, यह राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हैं।
ट्वीट करके दिया सुझाव
वीवीपीएटी सिस्टम डाले गए सभी वोटों का भौतिक निशान रखता है। इसके जरिए मतदाता वेरिफाई कर पाते हैं कि उनका वोट उसी जगह डाला गया है जहां वे चाहते थे। हाल ही में सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और रिमोट वोटिंग मशीन (आरवीएम) को लेकर ट्वीट में कहा था, “हम ईसीआई (भारत के चुनाव आयोग) के आभारी हैं कि आरवीएम पर सर्वदलीय बैठक आयोजित किया जा रहा है। हमारे भारतीय संविधान और लोकतंत्र के हित में चुनाव आयोग को सीज़र की पत्नी की तरह संदेह से ऊपर होना चाहिए।”
उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, “ईवीएम पर भरोसा करने वालों की काफी कमी है। चिप वाली कोई मशीन टैम्पर प्रूफ नहीं है, यह एक सत्य है। ईसीआई को सिविल सोसाइटी एक्टिविस्ट्स और राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए सवालों पर संतोषजनक प्रतिक्रिया देना चाहिए।” कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वे बैलेट पेपर से मतदान के लिए दबाव नहीं बना रहे थे। उन्होंने कहा, “मैं बैलेट पेपर द्वारा मतदान का सुझाव नहीं दे रहा हूं। मैं मामूली संशोधन के साथ ईवीएम से मतदान करने का बहुत ही सरल और उचित सुझाव दे रहा हूं।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, “ईवीएम पर मतदान के बाद
1-वीवीपीएटी की पर्ची 7 सेकंड के बाद बॉक्स में छोड़ने के बजाय मतदाता के हाथ में दी जानी चाहिए।
2- इसके बाद मतदाता पर्ची को माइक्रोचिप मुक्त मतपेटी में डाल दें।
3- वीवीपैट की पर्ची गिनने की मशीन लगवाएं और फिर परिणाम घोषित करें।