संयुक्त राष्ट्र ने भी काबुल के अस्पताल में हुए भीषण विस्फोटों की निंदा की है। यूएन ने कहा है कि इलाज करा रहे नागरिकों और चिकित्सा कर्मियों को निशाना बनाना मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने ट्विटर पर कहा कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
स्पुतनिक ने बख्तर समाचार एजेंसी के हवाले से बताया कि आइएस के हमलावर ने अस्पताल के प्रवेश द्वार पर खुद को उड़ा लिया और कई और हमलावर इमारत में घुस गए। मौके पर हेलीकाप्टर से पहुंचे तालिबान के विशेष बल ने इन बंदूकधारियों को मौके पर ही घेर लिया और अस्पताल के भीतर घुसने से रोक दिया। इसके बाद हुई फायरिंग में सभी पांच हमलावर मारे गए।
अगस्त के मध्य में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में विस्फोटों का सिलसिला जारी है। इनमें सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। जिस स्थान पर विस्फोट हुआ वह वजीर अकबर खान इलाके के नजदीक है। यह वह इलाका है जहां तालिबान के शासन से पहले विभिन्न देशों के दूतावास थे।