नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में लोकसभा चुनाव का परिदृश्य भी बदलने को है। भाजपा का प्रचार तो वैसा ही रहेगा, जैसा चल रहा है। लेकिन आप और कांग्रेस के गठबंधन की रणनीति नए सिरे से बनाई जाएगी। दोनों पार्टियां साझा योजना के तहत प्रचार के रण में उतरेंगी।
कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद भी कांग्रेस-आप गठबंधन बना रहेगा। अगले सप्ताह बची हुई तीन सीटों पर भी प्रत्याशी उतार दिए जाएंगे। सहानुभूति वोट पाने के लिए प्रचार में अब केजरीवाल की गिरफ्तारी भी एक बड़ा मुददा रहेगी।
भाजपा एजेंसियों का कर रही दुरुपयोग
जनता को बताया जाएगा कि किस तरह से केंद्र की भाजपा सरकार तानाशाही वाला रूख अपनाते हुए सरकारी जांच एजेंसियों तक का दुरुपयोग कर रही है। यही नहीं, सातों भाजपा सांसदों से रिपोर्ट कार्ड मांगते हुए उनकी 10 साल की नाकामियां भी जनता के सामने रखी जाएंगी।
आम आदमी पार्टी में चुनाव प्रचार के लिए फिलहाल कोई बड़ा चेहरा नहीं बचा है। ऐसे में यहां कांग्रेस आप की मदद कर सकती है। मतलब कांग्रेस के बड़े नेता आप उम्मीदवारों के लिए भी प्रचार करेंगे। रैलियों में भी न केवल नेता बल्कि दोनों पार्टियों के उम्मीदवार भी मंच साझा करेंगे।
दरअसल, पार्टी सूत्र बताते है कि यह लोकसभा चुनाव मुख्यत: केद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ लड़ा जा रहा है। इसलिए विपक्षी एकजुटता हर हाल में बनाई रखी जाएगी।
बताया जाता है कि चुनाव प्रचार की साझा रणनीति के लिए जल्द ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक के घर आप और कांग्रेस के दोनों नेताओं की एक बैठक होगी। इस बैठक में ही सारी रणनीति तय की जाएगी। पहले यह बैठक बृहस्पतिवार को होनी थी, लेकिन केजरीवाल की गिरफ्तारी के चलते अगले सप्ताह के लिए टाल दी गई है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से आप और कांग्रेस के गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम गठबंधन धर्म ईमानदारी से निभाएंगे। उनके पास प्रचार के लिए बड़ा नेता नहीं है तो वह कमी भी हम पूरी करेंगे। साझा चुनाव प्रचार अभियान की रणनीति तय करने के लिए हम लोग जल्द ही बैठक करेंगे। एक कामन मिनिमम एजेंडा तैयार करने पर भी विचार चल रहा है। -अरविंदर सिंह लवली, अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस