नई दिल्ली, । मतदाताओं को लुभाने के लिए कई राजनीतिक दल अक्सर कैश और मुफ्त उपहार का वादा करते हैं। राजनीतिक पार्टियों की तरफ से इस तरह के वादे किए जाने को लेकर रोक लगाए जाने की मांग की गई है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से ऐसे राजनीतिक दलों का चुनाव चिन्ह जब्त करने और उनकी मान्यता रद करने की मांग की गई है।
चार हफ्ते में मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। ये याचिका अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दाखिल की है।
सुप्रीम कोर्ट ने कैश और मुफ्त उपहार का वादा करने वाली राजनीतिक पार्टियों का चुनाव चिन्ह जब्त करने और उनकी मान्यता रद्द करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस। चार सप्ताह में मांगा जवाब।
याचिका में मांग की गई है कि उन राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद हो जिन्होंने सार्वजनिक धन से मुफ्त में चीजें वितरण करने का वादा किया था। अब चार हफ्ते के भीतर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को इस पर जवाब देना है।