- हाल ही में किए गए एक अध्ययन से ये फिर साबित हो गया है कि भारत में लोगों को दी जा रही कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) संक्रमण से बचाव करने में कारगर है और महामारी से निपटने में मदद कर सकती है. फोर्टिस हेल्थकेयर (Fortis Healthcare) ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वाले 92 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों (Healthcare Workers) को टीकाकरण के बाद संक्रमित होने पर बहुत कम परेशानियों का सामना करना पड़ा.
अस्पताल ने कहा, “सबूतों के आधार पर की गई स्टडी से साबित होता है कि वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने के बाद संक्रमित हुए स्वास्थ्य कर्मियों में से 92 प्रतिशत ऐसे हैं, जिन्हें केवल हल्का संक्रमण ही हुआ, ज्यादातर अपने घर पर ही देखभाल के बाद स्वस्थ हो गए और ये सब कुछ महामारी की दूसरी लहर (Corona second wave ) में स्थिति खराब होने के बावजूद हुआ है, जब भारत में महामारी का कहर अपने चरम पर था और देश में हर दिन संक्रमण के 3.5 से 4 लाख मामले दर्ज किए जा रहे थे.”
केवल एक प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों में ही दिखे गंभीर लक्षण
ये अध्ययन कोरोना से निपटने में वैक्सीन की भूमिका और टीकाकरण के बाद होने वाले संक्रमण की गंभीरता को समझने के लिए किया गया था. अध्ययन में पाया गया कि टीकाकरण के बाद जो भी स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित हुए, उनमें से वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वाले केवल एक प्रतिशत ही स्वास्थ्यकर्मी ऐसे थे, जो गंभीर रूप से बीमार हुए और उन्हें ICU या वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी.
फोर्टिस की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस अध्ययन में 16,000 से ज्यादा ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया गया था, जिन्हें जनवरी से मई 2021 के बीच कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज दी गई थीं. अध्ययन में सामने आए नतीजे टीकाकरण से जुड़े मिथकों या गलतफहमियों को भी दूर करते हैं. लगातार चल रहे कई अध्ययनों में टीकाकरण के कई फायदे सामने आ रहे हैं, जिनसे पता चलता है कि कोविड टीकाकरण संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बहुत मदद कर रहा है.