कौशांबी, । मतांतरण से इनकार करने पर चंदा सिंह की गला घोंटकर हत्या करने वाला मुख्य आरोपित आरिफ पुलिस मुठभेड़ में गुरुवार की भोर में गिरफ्तार कर लिया गया है। वह नाव के सहारे पश्चिम शरीरा के पभोषा घाट से यमुना नदी पार कर चित्रकूट भागने की फिराक में था, तभी पुलिस ने घेराबंदी की। जवाबी फायरिंग में उसके दोनों पैर में गोली लगी है। जिला अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया है।
बलिया जनपद के नगरा चचया निवासी श्रीमती पत्नी रामसिंगार ने बेटी चंदा सिंह की शादी 10 साल पहले मऊ जनपद के बेलौझा हलदरपुर निवासी दुर्गेश सिंह के साथ की थीं। सात साल पहले दुर्गेश की बीमारी के कारण मौत हो गई। इस बीच चंदा की मुलाकात महेवाघाट (कौशांबी) के मिरदहन का पूरा निवासी आरिफ से हुई।
आरोपित आरिफ मऊ जनपद में 108 सेवा एंबुलेंस का चालक था। उसने अपना असली नाम छिपाकर चंदा को गुड्डू राजपूत बताया था। उसका महिला के घर आना-जाना शुरू हो गया। इस बीच उसने चंदा को मऊ की सारी संपत्ति बेचकर कौशांबी जनपद में रहकर कारोबार करने का झांसा दिया। उसने अपनी संपत्ति बेच दी और दो साल पहले दो बेटियों झिलमिल व रिमझिम के साथ कौशांबी आ गई और अषाढ़ा में किराए का कमरा लेकर रहने लगीं।
महिला का सप्ताह भर पहले पता चला था कि गुड्डू राजपूत असल में आरिफ है। वह अपने गांव मिरदहन का पूरा ले गया, जहां मतांतरण के लिए दबाव बनाया। इन्कार करने पर उसकी पिटाई की। मौत होने पर वह मंगलवार की रात करीब आठ बजे लाश को घर पर छोड़कर भाग निकला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या की पुष्टि होने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित की गिरफ्तारी के लिए एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने टीम गठित कर दी थी। गुरुवार की भोर करीब तीन बजे मुठभेड़ में आरोपित आरिफ को गिरफ्तार कर लिया गया।