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क्‍या तीसरे विश्‍व युद्ध में तब्‍दील हो सकता है रूस यूक्रेन जंग? रूसी युद्धपोत डूबने के बाद उठे सवाल


नई दिल्‍ली, । रूस यूक्रेन जंग के बीच अब एक नया मोड़ आ गया है। फ‍िनलैंड और स्‍वीडन पर नाटो और रूस के मध्‍य तनातनी के बीच अब ब्‍लैक सी फ्लैगश‍िप युद्धपोत मोस्‍कवा के डूबने के बाद यह तनाव और बढ़ गया है। रूसी मीडिया ने युद्धपोत के डूबने को लेकर पश्चिमी देशों को जिम्‍मेदार ठहराया है। रूस में तो यह भी चर्चा है कि दुनिया में तीसरा विश्‍व युद्ध शुरू हो चुका है। एक मीडिया चैनल ने यहां तक कहा है कि पश्चिमी देश रूसियों का नामोनिशां मिटा देना चाहते हैं। उधर, रूसी ब्‍लैक सी में युद्धपोत के डूबने के बाद रूस रक्षा मंत्रालय ने चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अपने आक्रामक रुख को और तेज करेगा। ऐसे में यह आशंका प्रबल हो जाती है कि क्‍या रूस यूक्रेन जंग अब एक नए विश्‍व युद्ध में तब्‍दील हो जाएगा। रूस की आक्रमकता को देखते हुए यह जंग क्‍या बड़ा आकार ग्रहण कर सकता है।

1- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं यह रूस यूक्रेन संघर्ष का स्‍वरूप और आक्रामक होता जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि रूसी सेना की आक्रमकता दिनों दिन बढ़ रही है। इससे पश्चिमी देशों की सुरक्षा बड़ा विषय बन गया है। फ‍िनलैंड और स्‍वीडन के साथ रूसी युद्धपोत का ब्‍लैक सी में डूबने से यह तनाव चरम पर पहुंच गया है। हालात निश्चित रूप से चिंताजनक है। अमेरिका और पश्चिमी देश इस युद्ध को लेकर पूरी तरह से सक्रिय हैं। ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि तीसरे विश्‍व युद्ध के आसार बने हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि इस समय रूस यूक्रेन जंग के हालात एकदम प्रतिकूल है।

2- उन्‍होंने कहा कि फ‍िलहाल रूसी सेना जब तक यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्‍जा नहीं कर लेती, तब तक वह किसी अन्‍य देश पर आक्रमण करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन अभी इस जंग को और बड़ा करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए फ‍िलहाल यह उम्‍मीद कम है कि तीसरा विश्‍व युद्ध शुरू हो सकता है। उन्‍होंने कहा कि एक स्थिति और उत्‍पन्‍न हो सकती है कि यदि रूस यूक्रेन जंग में रूसी सेना को बड़ी क्षति होती है तो वह अपनी साख और सत्‍ता बचाने के लिए कुछ बड़े कदम उठा सकते हैं। प्रो पंत ने कहा कि यूक्रेन जंग को वहां के लोग वस्‍तुत: नाटो के साथ युद्ध मान रहे हैं। वहां सोशल मीडिया और प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष सरकार भी इस जंग को नाटो और अमेरिका के खिलाफ युद्ध मान रहे हैं। इसलिए इस युद्ध को रूसी एक विश्‍व युद्ध के रूप में देख रहे हैं।