जयपुर देश में पहली बार राजस्थान की अशोक गहलोत की सरकार ने शांति और अहिंसा विभाग बनाया है। मंत्रिमंडल ने इस संबंध में पिछले दिनों निर्णय लिया था। मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को शांति और अहिंसा विभाग बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
यह विभाग कला एवं संस्कृति मंत्रालय के तहत काम करेगा। यह विभाग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संदेश को निचले स्तर तक पहुंचाने और सत्य एवं अहिंसा का पाठ पढ़ाने का काम करेगा।
विभाग महात्मा गांधी के जीवन दर्शन से जुड़ी प्रदर्शनी समय-समय पर प्रदेश के विभिन्न इलाकों मे लगाने के साथ ही सत्य एवं अहिंसा से जुड़ी सामाग्री का प्रकाशन करेगा। यह विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर दलितों के उत्थान के लिए भी काम करेगा।
युवाओं को गांधी के जीवन दर्शन से जोड़ने के लिए विचार गोष्ठी आयोजित की जाएगी। विभाग में मुखिया के पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
मालूम हो कि शांति अहिंसा विभाग को बनाए जाने का ऐलान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022-23 के बजट भाषण में किया था। मुख्यमंत्री गहलोत ने उस दौरान कहा था कि महात्मा गांधी के विचारों को लोगों तक पहुंचाने के मकसद से इस विभाग का गठन किया जाएगा।
इस विभाग के कई अन्य फायदे भी हैं जैसे कि इसके जरिए लोगों को रोजगार मिलेगा क्योंकि विभाग के कामकाज को संभालने के लिए लोगों की नियुक्ति की जरूरत पड़ेगी।
महात्मा गांधी के कुछ अनमोल विचार
- खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।
- आजादी का कोई अर्थ नहीं है यदि इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हों।
- भूल करने में पाप तो है ही, लेकिन उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।
- काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।
- अहिंसा ही धर्म, वही जीवन का एक रास्ता है।
- पाप से घृणा करो, पापी से नहीं।