नई दिल्ली। ग्लोबल फर्टिलाइजर मार्केट में भारतीय रणनीति कामयाब साबित हो रही है, जिससे बाजार में गिरावट का रुख हो गया है। हाल के कुछ दिनों में फर्टिलाइजर की नित बढ़ती कीमतों में कमी दर्ज की गई है। पिछले सप्ताह ही वैश्विक बाजार में डीएपी का मूल्य 1030 डालर प्रति टन से घटकर 920 डालर हो गया है। भारतीय फर्टिलाइजर कंपनियों को इससे अधिक मूल्य पर डीएपी न आयात करने की सलाह के बाद से कीमतों में कमी आई है। फर्टिलाइजर बाजार पर इसका असर होने लगा है।
फर्टिलाइजर को लेकर भारत का कई देशों से कांट्रैक्ट
फर्टिलाइजर की उपलब्धता बनाए रखने के लिए जार्डन का दौरा कर लौटे केमिकल फर्टिलाइजर मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को बताया कि खरीफ सीजन के लिए ही नहीं बल्कि आगामी रबी सीजन के लिए भी उपलब्धता बनाए रखने के लिए फर्टिलाइजर उत्पादक कई देशों से कांट्रैक्ट हो चुके हैं। फर्टिलाइजर मंत्री मंडाविया ने कहा फर्टिलाइजर की वैश्विक किल्लत है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा फर्टिलाइजर आयातक देश है, जिसे कम मूल्य पर आयात करने पर जोर देना चाहिए। विश्व के दूसरे देशों में फर्टिलाइजर की आपूर्ति सीमित कर दी गई है। किसानों का सीमित कर दिया गया है। लेकिन भारत में ऐसा नहीं किया गया है। खरीफ सीजन के लिए फर्टिलाइजर की पर्याप्त उपलब्धता बनाने रखने के लिए हमने आगे बढ़कर खरीद की है। खरीफ सीजन के लिए पोटैसिक और फास्फेटिक फर्टिलाइजर की कोई कमी नहीं है।