चंदौली। सोमवार को ईद का चांद दिखाई देने पर मंगलवार को ३० रोजा पूर्ण होने के पश्चात हर्षोल्लास के साथ ईद मनायी जायेगी। ईद का चांद दिखाई देने पर लोगों ने पटाखे फोड़कर हर्ष व्यक्त किया और एक दूसरे को ईद की बधाई दी। चांद रात के रोज बाजारों में खरीददारों के भीड़ उमड़ पड़ी। लोग घरों की साफ-सफाई के साथ अन्य कार्यो में जुटे रहे। ईद की तारीख हिजरी कैलेंडर के कारण साल.दर.साल बदलती रहती है। यह कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित होता है जिसमें चांद की घटती.बढ़ती चाल के अनुसार दिनों की गिनती की जाती है। जब एक नया चांद दिखाई देता है और धार्मिक अधिकारियों द्वारा इसकी पुष्टि की जाती है, तो ईद का त्योहार मनाया जाता है। चांद दिखने के आधार पर ही दुनियाभर में अलग.अलग दिनों में ईद का त्योहार मनाया जाता है। ईद उल.फितर रमजान के रोजा की समाप्ति पर मनाया जाता है। इस दिन लोग नहा धोकर नए कपड़े पहनते हैं और सबसे पहले नमाज पढऩे मस्जिद में जाते हैं। जहां ईद की नमाज में महीने भर के रोजा के दौरान शक्ति और धीरज प्रदान करने के लिए अल्लाह का सुक्र किया जाता है। इस दिन मुस्लिम घरों में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं। जिसमें प्रमुख रुप से सेवई शामिल होती है। बड़े बुजुर्ग बच्चों को ईदी देते हैं।