चंदौली। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस के दौरान जनपद स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के सेहत की जांच की गयी। इस दौरान महिलाओं का ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन जांच और अल्ट्रासाउंड नि:शुल्क किया गया। वहीं उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं की पहचान किया गया। ताकि उन्हें उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर रेफर किया जा सके । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० वाईके राय ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस हर माह के 9 तारीख को मनाया जाता है। लेकिन इस बार रविवार पडऩे के कारण इसमें बदलाव करते हुए 10 जनवरी को आयोजित किया गया। कहा कि मुख्य रूप से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ एवं शिशु मृत्यु.दर को कम करने के उद्देश्य से इस दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिन हर गर्भवती की पांच जांच.ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन जांच और अल्ट्रासाउंड नि:शुल्क किया जाता है। उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें उच्च चिकत्सिा केन्द्रों पर रेफर किया जाता है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं परिवार नियोजन नोडल डा० हेमंत कुमार ने कहा कि इस दिवस पर गर्भवती को नि:शुल्क प्रसव पूर्व जांच एएनसी की सुविधाएं दी जाती हैं। इसके साथ ही परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए महिलाओं को जागरूक भी किया गया जाता है। जिससे स्वस्थ मां और बच्चा के साथ मातृ एवं शिशु मृत्यु.दर को कम किया जा सके। नव दंपति को शादी के दो वर्ष के अन्तर में पहला बच्चा और दूसरे बच्चे के बीच कम से कम तीन वर्ष के बाद, दो बच्चों के बाद नसबंदी करवाने के लिए परामर्श भी दिया जाता है। कहा कि गर्भवती को गर्भावस्था में पौष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए जिससे उसके और गर्भस्थ शिशु को बेहतर पोषण मिल सके। साथ ही कोविड के बढ़ते मामले को देखते हुए कोविड से बचाव के लिए महिलाओं को साफ-सफाई के प्रति जागरूक भी किया गया। जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता मनोज कुमार ने बताया कि गर्भवती के खतरे के लक्षण जैसे गर्भवस्था के दौरान तेज बुखार, त्वचा का पीलापन, हाथ, पैरों व चेहरे पर सूजन, दौरे पडऩा, उच्च रक्तचाप, तेज सरदर्द व धुंधला दिखना, योनि से रक्तश्राव होना इत्यादि का होना है। जिले में कुल 906 गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच एएनसी जांच व अन्य जांचें की गई जिनमें से 101 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था एचआरपी चिह्नित की गई।