- पंजाब की चन्नी सरकार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पटियाला में झटका दिया है। चन्नी सरकार कोशिशों के बाद कैप्टन के करीबी मेयर को नहीं हटा सकी। उसने मेयर को निलंबित कर दिया । दूसरी ओर मरणव्रत की धमकी देकर नवजोत सिंह सिद्धू ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है।
चंडीगढ़, । विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को पटियाला में जहां बड़ा झटका लगा है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी की परेशानी और बढ़ा दी है। यह दोनों ही घटनाएं कांग्रेस पार्टी के लिए आने वाले समय में मुसीबत खड़ी कर सकती हैं। सिद्धू ने मोगा के बाघापुराना में रैली के दौरान घोषणा कर दी कि अगर सरकार एसटीएफ की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करती है तो वह मरणव्रत पर बैठेंगे। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार एड़ी चोटी का जोर लगाने के बावजूद मेयर संजीव शर्मा बिट्टू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं करवा पाई।
पटियाला में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने हक में 25 विधायकों को खड़ा कर न सिर्फ नगर निगम में कांग्रेस को दो फाड़ कर दिया बल्कि यह भी संकेत दे दिए कि वह अभी भी कैप्टन है। कांग्रेस पिछले लंबे समय से कैप्टन अम¨रदर ¨सह के गृह नगर पटियाला में कैप्टन समर्थक मेयर को हटाने के लिए जोर लगा रही थी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी भी यहां पर बैठक कर चुके थे, जबकि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी पटियाला का दौरा किया था।
कैप्टन समर्थक मेयर बिट्टू को सरकार ने किया सस्पेंड
कांग्रेस ने पार्टी पार्षदों को संकेत देने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी व पटियाला की सांसद परनीत कौर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। इसके बावजूद मेयर संजीव शर्मा बिट्टू को पद से हटाने के लिए दो तिहाई बहुमत हासिल नहीं कर पाई। 60 पार्षदों वाले पटियाला नगर निगम में मेयर को हटाने के लिए कांग्रेस को 42 वोटों को आवश्यकता थी लेकिन वह अपने समर्थन में 36 वोट ही हासिल कर पाई। 25 वोट बिट्टू के हक में गए।