पशुपति पारस ने आज बुलायी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, चिराग ने लोकसभा स्पीकर को लिखा पत्र
पटना (आससे)। लोक जनशक्ति पार्टी में मचे सियासी घमासान के बीच पशुपति पारस आज शाम पटना पहुंचे तो चिराग पासवान लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। पशुपति पारस ने गुरुवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी बुलाई है। माना जा रहा है कि पार्टी पर पकड़ को और मजबूत करने की मुहिम में पारस जुट गए हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी संसदीय दल के नेता बनने के बाद पारस पटना पहुंचे। अब वो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। कल राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। इसके बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई जाएगी। इसमें पशुपति पारस को औपचारिक तौर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का ऐलान किया जायेगा।
कानूनी तरीके से लड़ी जायेगी लड़ाई : चिराग
नयी दिल्ली (एजेंसी)। बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की पर्दे के पीछे की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। बुधवार को चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि यह लड़ाई लंबी चलेगी और कानूनी तौर पर इस लड़ाई को लड़ा जाएगा। बीजेपी से मदद मांगने के सवाल पर चिराग ने कहा कि हनुमान को अगर राम से मदद मांगनी पड़े तो फिर हनुमान काहे के और राम काहे के।
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने कहा था कि पीएम मोदी राम हैं और वह उनके हनुमान हैं। एलजेपी में चाचा पशुपति पारस के गुट से छिड़ी सियासी को लेकर सवाल किया गया कि क्या चिराग पासवान बीजेपी से मदद मांगेगे या किसी तरह की मदद की पेशकश आई है?
इसपर उन्होंने कहा कि हनुमान को अगर राम से मदद मांगनी पड़े तो फिर हनुमान काहे के और राम काहे के। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने कहा कि बिहार चुनाव के समय आपने देश के एक बड़े नेता को राम कहा था और खुद को हुनमान बताया था तो अब हनुमान मुसीबत में हैं तो क्या राम से मदद मांगेंगे जिसपर चिराग पासवान ने यह जवाब दिया।
चिराग ने यह भी कहा कि मैं अनाथ तब नहीं हुआ था जब पिता जी (रामविलास पासवान) का निधन हुआ था। मैं अनाथ अब हुआ हूं जब मेरे चाचा ने मुझे छोड़ दिया है। इस दौरान चिराग पासवान ने पशुपति पारस के खिलाफ हुंकार भी भरी।
उन्होंने कहा कि मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं, मैं शेर का बेटा हूं.. ना मैं पहले डरा हूं और ना ही आगे डरूंगा। कानूनी तरीके से लड़ी जायेगी लड़ाई। बिहार की जनता हमारे साथ है, जनता दल यूनाइटेड की तरफ से बांटने की कोशिश की जा रही है। इन्होंने पहले भी दलितों को बांटने की कोशिश की है।
वहीं, मंगलवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से चिराग पासवान ने एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान 5 सांसदों को बाहर निकाल दिया था। इन सब के ऊपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने और राष्ट्रीय नेतृत्व के खिलाफ साजिश करने का दोषी पाते हुए काररवाई की गयी। बागी पांचों सांसदों (पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी, प्रिंस राज और चंदन सिंह) पर काररवाई की गयी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चिराग पासवान की प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों से प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी गयी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द होने के बाद चिराग पासवान ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखा है। चिराग समर्थकों ने चाचा पशुपति पारस के घर के बाहर प्रदर्शन किया।
पार्टी पर कब्जे को लेकर पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान खेमे में लड़ाई तेज हो गयी है। सियासी दांव-पेंच अब आर-पार की लड़ाई में बदल गई है। पारस खेमा ने पूर्व सांसद सूरज भान सिंह को लोजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी दी है।