नाभा (जैन): पटियाला, संगरूर, बरनाला और मालेरकोटला आदि चार जिलों के हजारों किसानों ने यहां पंजाब के कृषि मंत्री काका रणदीप सिंह की जन्मभूमि स्थित निजी कोठी का जबरदस्त घेराव कर जनजीवन ठप कर दिया। सभी सड़कों पर पुलिस की तरफ से बैरीकेड लगा रखे थे परन्तु किसानों के जत्थों के कारण जिला पुलिस की तरफ से किए गए सभी प्रबंध बेकार हो गए। एस.एस.पी. हरचरन सिंह भुल्लर की तरफ से किसानों के धरने कारण पुलिस कप्तानों केसर सिंह और महताब सिंह गिल का नेतृत्व नीचे डी.एस.पी. राजेश छिब्बड़ सहित चार डी.एस.पी., एक दर्जन एस.एच.ओज, 498 पुलिस जवान यहां तैनात किए गए थे। मोहल्ला करतारपुरा स्थित खेतीबाड़ी मंत्री की कोठी की ओर जाते सभी रास्ते बैरीकेड लगा कर सील किए गए थे, जिस कारण लोगों व दुकानदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पिछले एक वर्ष दौरान मंत्री मोदी ने बाबा का रूप धारण कर एक भी शब्द किसानों बारे नहीं बोला। लखीमपुर खीरी में 4 किसान केंद्रीय गृह मंत्री मिश्रा के बेटे ने शहीद किए। कुछ दिन पहले तीन महिलाओं को ट्रक ने कुचल दिया। अफसोस है कि पंजाब में एक तरफ कांग्रेस किसानों की हमदर्द होने का दावा कर रही है। दूसरी तरफ किसानों के हितों के लिए कुछ नहीं किया जा रहा। किसान नेताओं अमरीक सिंह घग्गा, दर्शन सिंह अमरगढ़, हरजिन्दर सिंह घराचों, चरणजीत कौर, हरबंस सिंह (लड्डा), लखवीर सिंह और निर्मल सिंह (मालेरकोटला) आदि ने बोलते कहा कि केंद्रीय सरकार की तरफ से किसानों के लिए खेती उपकरणों पर 80 प्रतिशत सब्सिडी मंजूर की गई थी, जबकि किसानों ने यह सुविधा लेने के लिए आवेदन पत्र दिया तो पंजाब सरकार ने ऐलान कर दिया कि सब्सिडी 50 प्रतिशत ही मिलेगी। सरकार ने सब्सिडी हड़प करने के लिए अपने चहेतों से ही आवेदन पत्र लिए हैं। पंजाब के कुल 62265 किसानों ने आवेदन पत्र दिए थे जिसमें से 10297 किसानों के आवेदन स्वीकृत कर सिर्फ 10019 यंत्र ही किसानों को दिए गए। धरनाकारियों ने मंत्री की कोठी के घेराव से पहले 3 घंटे तक एस.डी.एम. कार्यालय आगे धरना दिया। फिर बाजारों में पैदल मार्च कर रणदीप सिंह की कोठी का घेराव किया और नारेबाजी के साथ आसमान हिला दिया।