बच्चों की पुस्तकों की प्रसिद्ध लेखिका बेवर्ली क्लीयर का गुरुवार को अमेरिका के कैलीफोर्निया में 104 वर्ष की आयु में निधन हो गया. बेवर्ली द्वारा उनकी किताबों में रचे गए चरित्र रमोना क्विमबी और बेजस रिमबी, हेनरी हगिंस और उसका कुत्ता रिबसी और राल्फ एस माउस पाठकों में खासे प्रसिद्ध थे. बेवर्ली क्लीयर का गुरुवार को कैलिफोर्निया के कार्मेल में उनके घर पर निधन हो गया, जहां वह 1960 के दशक से रह रही थीं. हालांकि उनकी मृत्यु का कारण नहीं बताया गया है.
एक बच्चे के सवाल से मिला लिखने का जुनून
बेवर्ली क्लीयर बचपन से ही लेखिका बनना चाहती थी. लाइब्रेरियन के तौर पर जब वो वाशिंगटन के याकिमा में कार्य करती थी उसी दौरान एक बच्चें ने एक दिन क्लीयर से पूछा ‘हमारे जैसे बच्चों’ के बारे में किताबें मुझे कहां मिलेंगी. इसके बाद से ही क्लीयर के मन में बच्चों के लिए किताबें लिखने का जुनून सवार हो गया.
उस दौर में किताबों में अमीर बच्चों की कहानियां ही मिलती थी लेकिन बेवर्ली ने तय कर लिया था कि, वो साधारण और गरीब बच्चों के बारे में कहानियां लिखेंगी. इसके बाद उन्होंने 1950 में अपनी पहली किताब ‘हेनरी हगिंस’ लिखी जो पोर्टलैंड के क्लिकिटट स्ट्रीट पर पले बढ़े बच्चे हेनरी और उसके कुत्ते रिबसी की जिंदगी पर आधारित थी. हेनरी हगिंस और रिबसी पर उन्होंने छह किताबें लिखी.
उनकी किताबों का एक अन्य प्रमुख पात्र रमोना क्विमबी है.क्विमबी शुरुआत में हेनरी हगिंस की कहानियों में एक सहायक पात्र था लेकिन दर्शकों के बीच इसकी प्रसिद्धि को देखते बेवर्ली ने आगे चलकर इसको मुख्य किरदार की भूमिका में रखकर अलग से आठ पुस्तकें लिखीं. रमोना के तेजतर्रार और जोश से भरे किरदार को पाठकों ने ‘रमोना द पेस्ट’, ‘बीजस एंड रमोना’, ‘रमोना द ब्रेव’ और अन्य पुस्तकों में बेहद पसंद किया.
बच्चों की रोजमर्रा की जिंदगी पर केंद्रित होती थी उनकी कहानियां
बेवर्ली क्लीयर की किताबें असाधारण कारनामों पर आधारित ना होकर बच्चों की रोजमर्रा की जिंदगी पर केंद्रित होती थी. साथ ही पाठकों को बांधें रखने के लिए इनमें हास्य के साथ साथ बच्चों के नजरिये से दुनिया देखने की सीख होती थी. पाठक क्या पढ़कर खुश होते है या गुस्सा होते हैं इस बात की क्लीयर को बेहद बारीक समझ थी.