नई दिल्ली, । चीन की राजधानी बीजिंग में एक बार फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर का राग अलापा है। कश्मीर मसले पर कई बार मुंह की खाने के बाद भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। शीतकालीन ओलिंपक खेलों में पहुंचे इमरान खान ने कश्मीर मामले को उठाकर अपनी कथनी और करनी में एक बार फिर भेद किया है। इमरान खान ने बीजिंग में हो रहे ओलिंपिक खेलों में कश्मीर का मुद्दा क्यों उठाया। इसके क्या बड़े निहितार्थ हैं। आइए जानते हैं एक्सपर्ट की जुबानी।
1- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि पाकिस्तान एक सोची समझी रणनीति के तहत यह हरकत करता है। ऐसा करके वह अपनी आतंकवादी हरकतों को दुनिया से छिपाने की काशिश करता है। ऐसा करके वह कश्मीर में होने वाली आतंकवादी वारदात को एक अलगाववादी घटना करार देना चाहता है। यही कारण है कि वह किसी भी मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाने से बाज नहीं आ रहा है। हालांकि, यहां भी उसे आश्वासन और एक बयान के अलावा कुछ खास हासिल नहीं हुआ।
3- हालांकि, प्रो पंत का मानना है कि कश्मीर में पाक प्रायोजित आतंकवाद को अब दुनिया अच्छे से जान चुकी है। दुनिया यह भी जान चुकी है कि पाकिस्तान अपनी करतूतों को छिपाने के लिए गुलाम कश्मीर का सहारा लेता है। इस मामले में पाकिस्तान कई बार बेनकाब हो चुका है। अमेरिका समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय संगठन यह जानते हैं कि पाकिस्तान अपने देश में सक्रिय आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करता है। यही कारण है कि वह लगातार ग्रे लिस्ट में शामिल है और प्रतिबंधों का सामना कर रहा है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शीतकालीन ओलिंपिक के उद्धाटन में शामिल होने के लिए चार दिन के दौरे पर बीजिंग में थे। अपनी यात्रा के आखिरी दिन उन्होंने राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की। इमरान ने इस मुलाकात में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में आ रही अड़चनों और चीनी मजदूरों पर बार-बार हो रहे हमलों के बारे में भी बात की। कश्मीर को लेकर चीन की तरफ से कहा गया कि वो किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करता है और कश्मीर मुद्दे को ठीक से और शांति से हल करने का आह्वान करता है। ऐसा करके चीन ने पाकिस्तान के साथ कश्मीर के मुद्दे को हवा देने की कोशिश की है।