ग्वादर, । पाकिस्तान के लोकलुभावन दावों के बावजूद ग्वादर में स्थानीय लोग क्षेत्र में चीन की मौजूदगी से बेहद नाराज हैं। उनकी यह भी शिकायत है कि ग्वादर में बेहद मामूली निवेश हुआ है। इससे उनके जीवन पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्हें ना तो जल मिलना सुनिश्चित हुआ और ना ही कोई नौकरी मिली है। पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डान के अनुसार ‘ग्वादर को हुकूक दो तहरीक’ (ग्वादर के अधिकारों के लिए आंदोलन) मुहिम की सफलता भी इसलिए संभव हुई क्योंकि लोग पाकिस्तानी प्रशासन के दमन से तंग आ चुके हैं।
दक्षिण एशियाई शोधों के यूरोपीय फाउंडेशन के अनुसार इमरान खान सरकार पर ग्वादर के लोगों का गुस्सा देखते हुए खतरा मंडराने लगा है। स्थानीय लोगों की कई मांगों में से एक अहम मांग है कि प्रमुख सड़कों पर जगह-जगह लगाए गए अनावश्यक चेकपोस्ट हटाए जाएं। इनमें अधिकांश चेकप्वाइंट चीन-पाकिस्तान इकोनामिक कारिडोर प्रोजेक्ट (सीपीईसीपी) के रास्ते में बनाए गए हैं। इसके अलावा, इस आंदोलन के एक नेता मौलाना हिदायत ने इन रास्तों पर अवैध ट्रालर चलाने से रोका था।