राष्ट्रीय

चुनाव आयोग नहीं रहा अब निष्पक्ष – महबूबा


पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को भाजपा पर कश्मीरी हिंदुओं की पीड़ा का राजनीतिक शोषण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज चुनाव आयोग एक निष्पक्ष संवैधानिक संस्था कम, भाजपा का संगठन ज्यादा नजर आता है। यह वही करता है जो भाजपा चाहती है। आज दक्षिण कश्मीर के खिरम अनंतनाग में पत्रकारों से बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह भी एक दौर था,जब अन्य मुल्कों में हमारे भारतीय चुनाव आयोग को चुनावों को निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से संपन्न कराने के लिए, उसकी विशेषज्ञ राय लेने के लिए बुलाया जाता था। मगर अब ऐसा नहीं है। भाजपा ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और स्वायत्तता को भी पूरी तरह नुक्सान पहुुंचाया है। भारतीय जनता पार्टी ने एक बार नहीं कई बार कानून का उल्लंघन किया है,लेकिन चुनाव आयोग ने एक बार भी इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भाजपा नेताओं ने कईं बार सांप्रदायिक घृणा पैदा करने वाली बयानबाजी की है, मुस्लिमों को खुलेआम धमकाया गया है, लेकिन चुनाव आयोग पूरी तरह से मूकदर्शक बना रहा है। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों की संभावना संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह मुझसे क्यों पूछते हो। हम तो काफी दिनों से चुनाव कराए जाने की मांग कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर में चुनावों का एलान तभी होगा जब भाजपा चाहेगी। भाजपा की मर्जी के बिना चुनाव आयोग यहां चुनाव का एलान नहीं करेगा। जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात में सुधार और जनकेंद्रित प्रशासनिक व्यवस्था के बार बार उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे दावों को सिर्फ प्रचार का जरिया बताते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यहां आए दिन सुरक्षाबलों और आतकियों के बीच मुठभेड़ होती है, टारगेट किलिंग्स की घटनाएं हो रही हैं। हमारे कश्मीरी हिंदू कर्मचारी बीते कई महीनों से जम्मू में हड़ताल कर रहे हैं। उनकी मांग है कि जब तक कश्मीर में हालात बेहतर नहीं होते, उन्हें कश्मीर से बाहर जम्मू या किसी अन्य सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित कर दिया जाए। अगर यहां हालात सही होते तो वह यह आंदोलन क्यों करते? सरकार उनकी समस्याओं का निदान करने के बजाय कभी उनके वेतन को रोकती है तो कभी उनके राशन पर रोक लगा, उन्हें ड्यूटी पर लौटने को मजबूर करती है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा को कश्मीरी हिंदुओं या किसी अन्य वर्ग की पीड़ा से कोई मतलब नहीं है। भाजपा को सिर्फ जनभावानाओं को भड़का, उनका शोषण कर सिर्फ चुनाव जीतने से मतलब है। कश्मीरी हिंदुओं की पीड़ा का भाजपा से सिर्फ अपने राजनीतिक स्वार्थ को साधने के लिए ही फायदा उठाया है। उसने कश्मीरी हिंदुओं की पीड़ा का राजनीतिक शोषण किया है।