भाजपा के खिलाफ प्रचार नहीं करेंगे नीतीश
(आज समाचार सेवा)
पटना। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जदयू की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रचार करने नहीं जाएंगे। इनके साथ-साथ केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह भी चुनाव प्रचार में शामिल नहीं होंगे। दरअसल, जदयू ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट चुनाव आयोग के पास भेजी है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का नाम नहीं दिया गया है। जदयू ने साफ कर दिया है कि दोनों बड़े नेता इस चुनाव में भाजपा के खिलाफ यूपी में प्रचार नहीं करेंगे।
अब तक जदयू ने यूपी विस चुनाव में 26 सीटों पर लडऩे की घोषणा की है। इसमें 20 उम्मीदवार उतारे गए हैं। इन 20 उम्मीदवारों में ज्यादातर कुर्मी समाज से हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह कुर्मी समाज से आते हैं और बिहार के बड़े कुर्मी चेहरा हैं। यूपी विधानसभा में जेडीयू ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को सबसे ऊपर रखा है। केसी त्यागी दूसरे नंबर पर हैं।
उपेंद्र कुशवाहा तीसरे नंबर पर हैं। वहीं, जेडीयू ने कर्पूरी ठाकुर के पुत्र और राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को स्टार प्रचारक बनाया है। इस चुनाव में बिहार के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी चुनाव प्रचार करने जाएंगे। मुस्लिम चेहरा के तौर पर गुलाम रसूल बलियावी भी यूपी में चुनाव प्रचार करेंगे। चुनाव प्रचार में उत्तर प्रदेश के जदयू प्रदेश अध्यक्ष अनूप सिंह पटेल स्टार प्रचारक होंगे। वहीं, युवा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार सिंह को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है। लेकिन, नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह इस 15 स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नहीं है।
इसको लेकर जब जदयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी से बात की गई तो उन्होंने यह साफ कहा कि नीतीश कुमार और केसी त्यागी चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ इलाकों में वर्चुअल रैली करेंगे। उन्होंने यह बताने से साफ मना कर दिया की क्या वजह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या फिर आरसीपी सिंह यूपी चुनाव में प्रचार करने नहीं जा रहे हैं।
वजह साफ है कि जदयू ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ यूपी में चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। 26 सीट की घोषणा की जा चुकी है। जिस पर 20 उम्मीदवार तय किए जा चुके हैं। ऐसे में यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह यूपी चुनाव प्रचार करने जाएंगे तो उन्हें भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ प्रचार करना होगा। बिहार में नीतीश कुमार भाजपा गठबंधन के तहत मुख्यमंत्री बने हैं। भाजपा की बिहार विधानसभा में सीटें ज्यादा है जेडीयू की कम है। वहीं, आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री हैं। यदि यह दोनों नेता यूपी चुनाव में बीजेपी के खिलाफ हल्ला बोलते तो जाहिर सी बात है कि बिहार में नीतीश कुमार और केंद्र में आरसीपी सिंह पर असर पड़ जाता। शायद इसलिए दोनों नेता इस चुनाव से अपने आप को अलग रखा है।