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जम्मू-कश्मीर के बटागुंड त्राल में आतंकी हमला, गैर-कश्मीरी नागरिक को बनाया शिकार


 श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में फिर गैर-कश्मीरी लोगों पर हमला किया गया है। आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के तराल में आतंकियों ने बिजनौर उत्तर प्रदेश के रहने वाले शुभम कुमार पर हमला किया है लेकिन पुलिस ने इस घटना का खंडन किया है शुभम कुमार फिलहाल अस्पताल में उपचाराधीन है।

गांदरबल आतंकी हमले की जांच के बीच जम्मू-कश्मीर में एक और आतंकी हमला हुआ है। ऐसी जानकारी है कि आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के तराल में आतंकियों ने बिजनौर उत्तर प्रदेश के रहने वाले शुभम कुमार पर हमला किया है लेकिन पुलिस ने इस घटना का खंडन किया है शुभम कुमार फिलहाल अस्पताल में उपचाराधीन है। इससे पहले आतंकियों ने गांदरबल में श्रमिकों के कैंप को निशाना बनाया था।

शुभम को दाएं हाथ पर गोली लगी है। संबंधित पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस घटना की जांच की जा रही है। यह पूरी घटना सुबह 6 बजे के आसपास की है।

इससे पहले बीते रविवार को आतंकियों ने प्रवासी श्रमिकों के कैंप को अपना शिकार बनाया था। इसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। आतंकियों ने यहां अंधाधुन फायरिंग में छह श्रमिकों और एक डॉक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके 3 दिन पहले 18 अक्टूबर को भी शोपियां जिले में आतंकवादियों ने बिहार के एक मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

सुरंग का निर्माण कर रहे श्रमिकों पर हमला

आतंकियों ने यह हमला सेंट्रल कश्मीर के गांदरबल जिले में सुरंग निर्माण कर रहे श्रमिकों के शिविर पर किया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहति तमाम नेताओं ने इस हमले की निंदा की थी।

गांदरबल आतंकी हमले में शामिल आतंकियों की तस्वीरें

आतंकी हमले के बाद गगनगीर में NIA की टीम जांच के लिए पहुंची थी। अब हमले के तीन दिन बाद पुलिस के हाथ आतंकियों की तस्वीरें हाथ लगी हैं।

दरअसल एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। ये फुटेज उसी कैंप की है जिसे आतंकियों ने शिकार बनाया था। हालांकि, पुलिस ने अभी इसे लेकर कुछ साफ नहीं कहा है। इन तस्वीरों में नजर आने वाले दोनों आतंकियों के पाकिस्तानी होने की आशंका है।

मेस के करीब हुआ था हमला

जानकारी के मुताबिक, रात 8 बजकर 15 मिनट की बात है जब आतंकियों ने ऑटोमेटिक हथियारों से गोलीबारी की थी। इस समय श्रनिक खाना खाने के लिए मेस के करीब पहुंचे थे। मेस और पूरा कैंप घने जंगलों में मौजूद था। जिसका फायदा उठाते हुए आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया।

आतंक के गढ़ में लोगों ने किया था भारी मतदान

इसके बाद विधानसभा चुनाव में भी आतंकवाद और अलगाववाद के गढ़ रहे क्षेत्रों में भी भारी संख्या में लोगों ने बाहर निकलकर मतदान कर लोकतंत्र में अपनी आस्था जताई। अब जम्मू-कश्मीर में नवनिर्वाचित सरकार भी गठित हो गई और उसने केंद्र सरकार के साथ तालमेल बिठाकर कामकाज भी शुरू कर दिया है। यही सब पाकिस्तान व उसके समर्थित आतंकियों को रास नहीं आया और उन्होंने कश्मीर को फिर अशांत करने का षड्यंत्र रचा।