पीसीआई ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पत्रकारों को डराने-धमकाने और उत्पीड़न के संबंध में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के पत्र पर स्वत: संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमिटी का गठन किया है. समिति को पूरी तरह से जांच करने और संबंधित अधिकारियों और प्रभावित पत्रकारों के साथ चर्चा करने के लिए कहा गया है. एक पत्रकार ने कुनान पोशपोरा में 1991 के सामूहिक बलात्कार में सेना को दी गई क्लीन चिट की ओर इशारा करते हुए कहा कि कश्मीर में पीसीआई की कोई बड़ी प्रतिष्ठा नहीं है.
नई दिल्ली: प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने जम्मू कश्मीर में पत्रकारों को डराने-धमकाने की बढ़ती शिकायतों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा पीसीआई और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कथित उत्पीड़नों की जांच कराने की मांग के बाद यह फैसला लिया गया है.
पीसीआई ने अपने आदेश में कहा कि पीसीआई के माननीय अध्यक्ष ने जम्मू कश्मीर में पत्रकारों को डराने-धमकाने और उत्पीड़न के संबंध में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के पत्र पर स्वत: संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमिटी का गठन किया है.
जम्मू कश्मीर में अधिकारियों से फैक्ट फाइंडिंग कमिटी के काम को सुचारू रूप से करने के लिए पूरा सहयोग देने का अनुरोध किया गया है.