सूत्रों ने बताया कि यह खुलासा हाल ही में हुआ है। जम्मू क्षेत्र में अपने परिवारों के साथ आम जिंदगी जी रहे पूर्व आतंकवादियों ने स्वयं इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन के कमांडर लगातार उनसे संपर्क कर रहे हैं। उन पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे फिर से आतंकी रैंक में शामिल हों। एक समाचार एजेंसी ने भी इसका हवाला दिया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने गुलाम कश्मीर स्थित बिम्बर इलाके में हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठनों के शीर्ष कमांडरों के साथ एक गुप्त बैठक की। बैठक का मकसद कश्मीर के साथ-साथ जम्मू में भी आतंकी गतिविधियों को बढ़ाना था। इसके लिए आत्मसमर्पित आतंकवादियों की मदद लेने पर भी जोर दिया गया।
