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जयशंकर ने पीएम मोदी की विदेश नीति को सराहा,


हैदराबाद, विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि देश की विदेश नीति को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नया स्वरूप प्रदान किया है। इस विदेश नीति के केंद्र में देश हित है। लेकिन यह इस तरह समाहित किया गया है कि वैश्विक जरूरतों से इसका पूरा तालमेल हो।

‘मोदीएट20 : ड्रीम्स मीट डिलेवरी’ नामक पुस्तक का विमोचन करते हुए मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भाषा, रूपकों, रूप-रंग, ढंग और आदतें एक ऐसा व्यक्तित्व बनाती हैं जिसे पूरे विश्व ने मान्यता दी है। उन्होंने इंग्लिश एंड फारेन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी (ईएफएलयू) के कैंपस में कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक मंच पर बड़ा कद हासिल किया हैं। जयशंकर ने कहा कि निश्चित रूप से प्रधानमंत्री की नीतियों और पहलों का प्रभाव पड़ा है। लेकिन एक व्यक्तिगत सम्मान भी होता है जो दूसरों के रवैये को प्रभावित करता है। साथी उसे सर्वोत्कृष्ट भारतीय मानते हैं, और उसी के अनुसार प्रतिक्रिया देते हैं।

जयशंकर ने कहा कि मुझे याद है कि वर्ष 2014 के अमेरिकी दौरे के समय अमेरिकी नेता पीएम मोदी की व्रत की आदतों पर कैसे अचंभित हो जाते थे। इसी तरह यूरोपीय नेताओं ने योग में गहन रुचि दिखाई। इसे पूर्व, नेशनल पुलिस अकादमी में 34वें सरदार वल्लभभाई पटेल मेमोरियल लेक्चर के दौरान जयशंकर ने कहा कि अनिश्चित सीमाओं को सुरक्षित करने का लक्ष्य बहुत सावधानी मांगता है। भारतीय समाज अन्य देशों के मुकाबले सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को लेकर बेहद संवेदनशील है। बाकी विश्व की ही तरह हमें भी परंपरागत व गैर परंपरागत खतरों का सामना करना पड़ रहा है।

कंबोडिया में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक के बाद सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने दो बुनियादी क्षेत्रों का उल्लेख किया जिनमें भारत की कुछ ताकतें और आर्थिक एकीकरण शामिल हैं। साथ ही उन्होंने अपनी डिजिटल पहचान और भुगतान प्रणाली के लिए भारत की प्रशंसा की है और कहा है कि यह देश के लिए एक ‘स्पष्ट अवसर’ है।