नई दिल्ली, दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र के उस फैसले पर अपनी आपत्ति व्यक्त की, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत रूप से बनाई गई सैनिक फार्म जैसी समृद्ध कालोनियों में मौजूदा निर्माण कार्यो में मरम्मत कार्य करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ ने क्षेत्र में कालोनियों को नियमित करने की मांग करते हुए सैनिक फार्म में क्षेत्र विकास समिति के संयोजक रमेश दुगर द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अपनी आपत्ति जताई।
केंद्र सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि कालोनी में अनधिकृत तौर पर निर्माण किया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि क्या होगा अगर कल कुछ संरचनाएं गिर जाती हैं और लोग मर जाते हैं? जिम्मेदारी कौन लेगा? कोर्ट ने कहा कि केंद्र अपनी टीम भेजकर सर्वेक्षण कराए, लेकिन कुछ मरम्मत कार्यो की अनुमति दी जाए।