देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण पर रोकथाम के लिए सरकार ने वैक्सीन अभियान को तेज कर दिया है. लेकिन अब टीकाकरण के लिए उम्र को लेकर सरकार पर सवाल खड़े होने लगे हैं. देश में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने मांग की है कि अब 18 साल की उम्र से ज्यादा लोगों को भी टीकाकरण में शामिल कर लिया जाए. इस बीच टीकाकरण को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है.
राहुल गांधी ने आज ट्वीट करके कहा है, ”जरूरतों और इच्छाओं पर बहस करना बकवास है. देश के हर नागरिक को सुरक्षित जीवन जीने का हक है.”
उम्र की सीमा को लेकर सरकार ने क्या कहा है ?
केंद्र सरकार ने बताया है कि टीकाकरण में उम्र निर्धारित करने का लक्ष्य सबसे जोखिम वाले लोगों को सुरक्षित करना है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कई लोग पूछ रहे हैं कि सरकार 18 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए टीकाकरण क्यों नहीं खोल रही है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में भी चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण अभियान चलाया गया है.
भूषण ने कहा, ”बुनियादी लक्ष्य टीकाकरण के जरिए मृत्यु को घटाना है. दूसरा लक्ष्य हमारे स्वास्थ्य तंत्र की सुरक्षा करना है. अगर स्वास्थ्यकर्मी, डॉक्टर, नर्स, पारामेडिकल कर्मी और अन्य कर्मी बीमार हो गए तो अस्पतालों में कौन काम करेगा? इसलिए किसी भी देश में सबसे मुख्य लक्ष्य सबसे जोखिम वालों को सुरक्षित करना है. टीका जो लेना चाहते हैं उनके टीकाकरण का नहीं, बल्कि जिन्हें ज्यादा जरूरत है उन्हें टीका देने का लक्ष्य है.”
IMA और केजरीवाल, गहलोत और ठाकने ने भी की मांग
इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीका लेने की अनुमति देनी चाहिए.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी टीकाकरण के लिए उम्र सीमा में ढील देने का अनुरोध किया था. केजरीवाल ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार जरूरी अनुमति दे तो तीन महीने में दिल्ली के सभी लोगों का टीकाकरण हो सकता है. वहीं, उद्धव ठाकरे ने 25 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक देने की अनुमति मांगी है. ठाकरे ने कहा है कि इससे तेजी से फैल रहे संक्रमण से युवाओं का बचाव होगा.