वाराणसी। कोहरे का असर ट्रेनों के परिचालन व्यवस्था पर पड़ने लगा है। बुधवार को कैंट स्टेशन से गुजरने वाली गाड़ियां निर्धारित समय के बजाय घंटों विलंबित रही। इसके तहत दादर- बलिया स्पेशल एक्सप्रेस सर्वाधिक 17.55 घंटे देरी से कैंट स्टेशन पहुंची। इसके अलावा बलिया- दादर सेंट्रल स्पेशल 7.30 घंटे, दादर सेंट्रल-गोरखपुर स्पेशल स्पेशल 4.30 घंटे, कटिहार-चंडीगढ़ पूजा स्पेशल 5.20 घंटे की देरी से आगमन हुआ।
बरकाकाना-वाराणसी मेमू स्पेशल पांच घंटे, वाराणसी-बहराइच इंटरसिटी 3.15 घंटे, गया-पाटलिपुत्र पितृपक्ष स्पेशल तीन घंटे, डाउन फरक्का एक्सप्रेस 2.20 घंटे के अलावा दानापुर-उधना सुपरफास्ट, दून एक्सप्रेस, अकाल तख्त एक्सप्रेस, छपरा-सूरत क्लोन स्पेशल गाड़ियां और एलटीटी-बनारस कामायनी एक्सप्रेस भी स्टेशन भी लगभग डेढ़ से दो घंटे तक की देरी से गुजरीं।
बिहार की ट्रेनें ठसाठस भरीं
छठ महापर्व पर घर आने वाले यात्रियों का दबाव बढ़ गया है। बुधवार को भी बिहार जाने वाली ट्रेनों में जगह नहीं बची। वातानुकूलित और शयनयान श्रेणी की बोगियों में जनरल डिब्बे जैसा हाल था। कैंट स्टेशन से गुजरी कोटा – पटना एक्सप्रेस, पवन एक्सप्रेस और फरक्का एक्सप्रेस सहित बिहार रूट की गाड़ियों में पैर रखने की जगह नहीं थी।
सीसीओ ने निर्माणाधीन आरसीटी भवन का लिया जायजा
उत्तर रेलवे के सीसीओ (मुख्य क्लेम अधिकारी) शशिकांत सिंह ने बुधवार को निर्माणाधीन आरसीटी (रेल क्लेम ट्रिब्यूनल) भवन का निरीक्षण किया। निर्माण कार्य की गुणवत्ता परखी और ट्रिब्यूनल कोर्ट की संरचना का अवलोकन किया। स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें आरसीटी भवन की विस्तार पूर्वक जनकारी दी। इसके पश्चात दावा कार्यालय पहुंचे सीसीओ शशिकांत सिंह ने लंबित वादों को अविलंब निस्तारित करने का निर्देश दिया। स्टेशक निदेशक गौरव दीक्षित ने यहां कर्मचारियों की कमी से उत्पन्न समस्याओं का उन्हें बोध कराया। निरीक्षण के बाद सीसीओ नई दिल्ली लौट गए।