समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च सेंटर के सीनियर प्रिंसिल वैज्ञानिक डॉ. देवी प्रसन्ना कानूनगो ने बताया कि, “दो ब्लैक बॉक्स जो ध्वस्तीकरण के समय रिसर्च के उद्देश्य से ट्विन टावरों के अंदर रखे गए थे, उन्हें बरामद कर लिया गया है। आठ और ब्लैक बॉक्स अभी बरामद किए जाने बाकी हैं।”
भविष्य के अध्ययन में मिलेगी मदद
उन्होंने बताया कि सिस्मोग्राफ, थर्मल इमेजिंग कैमरा, ड्रोन से ली गई फोटो और वीडियो पहले से ही सीबीआरआई के पास मौजूद हैं। ब्लैक बॉक्सों के मिल जाने के बाद जानकारी का विश्लेषण किया जाएगा, जो भविष्य में अध्ययन में मदद करेंगे। गौरतलब हो कि ब्लैक बॉक्स एक इलेक्ट्रिक डिवाइस होता है। इसका उपयोग आवाज रिकॉर्ड करने में किया जाता है।
आसपास की सोसायटी के मकानों में आई दरारें
एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि, दोनों टावरों के 50 मीटर के आसपास स्थित आवासों की जांच की जानी बाकी है। उन्होंने बताया कि एमराल्ड कोर्ट में लगभग एक दर्जन खिड़की के शीशे और एटीएस विलेज में तीन दर्जन मकानों में दरारें आ गई हैं। इनके मरम्मत का काम जारी है।
10 दिन में आएगी रिपोर्ट
एडिफिस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने कहा, “खिड़की के शीशे की मरम्मत का काम पहले ही शुरू हो चुका है और अगले कुछ दिनों में पूरा हो जाएगा। विस्फोट के पहले और बाद में संरचना का अध्ययन किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट 10 में आ जाएगी।”
उन्होंने कहा कि एडिफिस ने विस्फोट से पहले और बाद के संरचनात्मक विश्लेषण के लिए केरल स्थित एक भू-संरचनात्मक सलाहकार को भी नियुक्त किया है और इसकी रिपोर्ट जमा करने में लगभग 10 दिन लगेंगे।