नई दिल्ली, । पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार को लेकर पार्टी की कार्यसमिति में मंथन के एक दिन बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने सोमवार को कहा कि प्रदर्शन नहीं करने वाले नेताओं को बदलने के लिए सोनिया गांधी को पार्टी की कमान अपने पूर्ण नियंत्रण में लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ ट्वीट की संस्कृति और इंटरनेट मीडिया प्रचार से संगठन को आगे नहीं बढ़ाया जा सकेगा। मोइली ने कहा कि पार्टी के वफादार त्रासदी के शिकार हो गए हैं क्योंकि अवसरवादियों ने संगठन में पैठ बना ली है।
मोइली ने कहा कि हार के कारणों पर मंथन जरूरी है, लेकिन किसी भी कांग्रेस कार्यकर्ता को हताश नहीं होना चाहिए क्योंकि इस वक्त कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच एकजुटता देश की जरूरत है। मोइली कांग्रेस के ‘जी-23’ में शामिल थे, जिन्होंने साल 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग उठाई थी। वह खुद को इस समूह से अलग कर चुके हैं। उनका कहना है कि उनका इरादा कभी भी पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधने का नहीं था।
हार के लिए गांधी परिवार नहीं, राज्यों के नेता जिम्मेदार : खड़गे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा कि हाल में हुए विधानसभा चुनावों में हार के लिए गांधी परिवार नहीं, बल्कि पार्टी के सांसद और राज्यों के नेता जिम्मेदार हैं। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आरएसएस, भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा गांधी परिवार पर हमला करते हैं और जो भी गांधी परिवार के साथ खड़ा नहीं होगा वह विश्वासघात करेगा। खड़गे ने कहा, ‘सोनिया गांधी जी ने पार्टी के लिए कई त्याग किए हैं। लंबे समय से गांधी परिवार के किसी व्यक्ति ने सरकार में पद नहीं लिया