उत्तराखंड में जल-प्रलय के बाद जिंदगी की खोज जारी है। कई लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, लेकिन अब भी कई ‘लापता’ लोगों की तलाश अब भी जारी है। तपोवन सुरंग से सोमवार को दो शव बरामद किए गए। पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से फंसे 25-35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सुरंग में सेना सहित विभिन्न एजेंसियों का संयुक्त बचाव और तलाश अभियान चल रहा है।
पुलिस ने बताया कि मलबे और गाद से भरी तपोवन सुरंग से अब तक नौ शव निकाले जा चुके हैं। रविवार को सुरंग से छह शव बरामद किए गए थे। ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को आई बाढ़ के समय एनटीपीसी की 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की इस सुरंग में लोग कार्य कर रहे थे। निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड परियोजना को हुई भारी क्षति के अलावा, रैणी में स्थित 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना भी बाढ से पूरी तरह तबाह हो गई थी।
अब तक चमोली जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों से कुल 54 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 150 अन्य अभी भी लापता हैं। लगातार तलाश और बचाव अभियान का जायजा ले रहीं चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने लापता लोगों के शव बरामद होने पर बचाव दलों को इसी तरह तेजी से कार्य करने को कहा है। एक सप्ताह से सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस का संयुक्त बचाव अभियान जारी है।