News TOP STORIES नयी दिल्ली पटना बिहार राष्ट्रीय

तेजस्वी यादव को गिरफ्तारी से राहत, अब 25 मार्च को CBI के सामने पेश होंगे डिप्टी सीएम


नई दिल्ली, । रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले (Land For Job Scam Case) में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने आज गुरुवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया है। बता दें कि उपमुख्यमंत्री ने बुधवार को सीबीआई की ओर से जारी समन को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

सीबीआई का समन रद करने से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान तेजस्वी यादव की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि सीआरपीसी की धारा-160 का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। मेरे मुवक्किल बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं और बजट सत्र चल रहा है। अगर सीबीआई को पूछताछ करनी है तो बिहार आकर पूछताछ की जा सकती है।

इसके बाद कोर्ट ने सीबीआई की तरफ से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक से कहा कि वह उपमुख्यमंत्री हैं, अदालत याचिका का निस्तारण नहीं कर रही हैं, लेकिन सत्र खत्म होने के बाद आप उन्हें 5 अप्रैल के बाद बुला सकते हैं।

तेजस्वी के अधिवक्ता ने आगे कहा कि हमारा मुद्दा यह है कि उन्होंने एक गवाह को बुलाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। ऐसे में मेरी आशंका है कि वे मेरे मुवक्किल के साथ भी ऐसा ही करेंगे। इस पर उन्हें आश्वस्त किया गया कि तेजस्वी को अभी गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।

तेजस्वी के अधिवक्ता ने कहा कि ऊपर से फोन आ जाएगा, क्योंकि सिस्टम हम जैसे लोगों के अनुकूल नहीं है। अदालत कहे कि तेजस्वी पांच अप्रैल के बाद पेश होंगे। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनकर आदेश देते हुए कहा कि आगामी 25 मार्च को तेजस्वी दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय के समक्ष पेश होंगे और सीबीआई इस महीने उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी। उक्त आदेश के साथ अदालत ने याचिका का निस्तारण किया।

जांच में करूंगा सहयोग- तेजस्वी

गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को दायर याचिका में तेजस्वी ने कहा था कि वह जांच में पूरा सहयोग और सहायता करने को तैयार हैं, लेकिन उनके खिलाफ चल रहे मामले में कानून का उल्लंघन हो रहा है। सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस केवल स्थानीय अधिकार क्षेत्र में ही जारी किया जा सकता है, लेकिन वह पटना में रह रहे हैं और सीबीआई दिल्ली में समन जारी कर रही है। उप मुख्यमंत्री होने के नाते विधानसभा के सत्र में शामिल होना उनका दायित्व है। इसलिए उन्होंने सत्र के खत्म होने तक का समय मांगा था।

यह है मामला

यह मामला 2004 और 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को उपहार में दी गई या बेची गई भूमि के बदले में रेलवे में की गई कथित नियुक्तियों से संबंधित है। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया कि रेलवे में अनियमित नियुक्तियां की गईं। भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया।