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दिल्ली हाईकोर्ट ने एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के प्रति जताई नाराजगी,


नई दिल्ली,  मध्यस्थता अदालत के आदेश को लागू करने के मामले में दोहरा चरित्र अपनाने पर एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) के प्रति दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। हाई कोर्ट ने कहा कि एक तरफ वह अपने रुपये वापस लेने को लेकर अदालत की शरण में है और दूसरी ओर वह प्रतिवादी पक्ष दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) से गुपचुप बात भी कर रहा है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने कहा कि डीएएमईपीएल खुले दिल से अदालत नहीं आया है और ऐसा करके अदालत का समय बर्बाद नहीं करें। पीठ ने उक्त टिप्पणियों के साथ सुनवाई 29 मार्च के लिए स्थगित कर दी।

पीठ ने नोट किया कि डीएमआरसी ने उसके कहने पर अपने पूरे फंड की जानकारी हलफनामा दाखिल कर दे दी। डीएमआरसी ने अपने हलफनामे में कहा है कि उसके विभिन्न बैंक खातों में 6208.03 करोड़ रुपये हैं। उसके वकील पराग त्रिपाठी ने कोर्ट से कहा कि डीएएमईपीएल के सभी कर्ज को अपने सिर पर लेने को तैयार है, लेकिन वह अपने कर्ज की राशि स्पष्ट करें। वैसे डीएएमईपीएल ने उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, लेकिन फिर दिसंबर के अंतिम सप्ताह में पत्र लिखकर डीएमआरसी से कहा है कि अगर कर्ज अपने सिरे पर लेने को तैयार है तो बातचीत हो सकती है।

डीएमआरसी ने मध्यस्थता अदालत के आदेश को एकल पीठ के समक्ष चुनौती दी थी, जिसे एकल पीठ ने छह मार्च, 2018 को खारिज कर दिया था। उसके बाद डीएमआरसी ने एकल पीठ के आदेश को दो सदस्यों की पीठ के समक्ष चुनौती दी। इस पर डीएमआरसी को कुछ राहत देते हुए अपील 15 जनवरी, 2019 को खारिज कर दी थी।