रांची

दिव्यांगजन खिलाड़ियों ने खेल मंत्री के समक्ष रखी अपनी मांगे a delegation met minister jharkhand रांची, 13 नवम्बर (हि. स.)। झारखंड डिसएबल क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वावधान में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ियों का एक दल डिसएबल क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट दिव्यांगजन क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन मुकेश कंचन के नेतृत्व में खेल मंत्री हफीजुल हसन से मिलकर अपनी मांगे रखी। मंत्री ने मांगों पर यथाशीघ्र कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। मुकेश कंचन ने बताया कि भारत का संविधान एवं अधिनियम दिव्यांगजनों के समावेश की पैरवी करते हैं। झारखंड सरकार द्वारा पारित झारखंड विकलांग जन नीति में भी दिव्यांगजनों के समावेश के लिए अनेक प्रावधान हैं। इस दिशा में सरकार द्वारा अनेक प्रयास भी किए गए हैं जो सराहनीय हैं। फिर भी अनेक सुधार के बिंदु हैं, जिसके लिए निम्न मांगे रखी गई। इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता दिव्यांगजन खिलाड़ियों को खेल कोटे से सम्मान औऱ नौकरी में प्राथमिकता। दिव्यांगजनों के खेल के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार द्वारा अपेक्षित सहयोग। दिव्यांगजनों के खेल को प्रोत्साहित करने वाली संस्था को उचित पहचान एवं सम्मान शामिल है।


दिव्यांगजन खिलाड़ियों ने खेल मंत्री के समक्ष रखी अपनी मांगे

झारखंड डिसएबल क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वावधान में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ियों का एक दल डिसएबल क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट दिव्यांगजन क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन मुकेश कंचन के नेतृत्व में खेल मंत्री हफीजुल हसन से मिलकर अपनी मांगे रखी। मंत्री ने मांगों पर यथाशीघ्र कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। मुकेश कंचन ने बताया कि भारत का संविधान एवं अधिनियम दिव्यांगजनों के समावेश की पैरवी करते हैं। झारखंड सरकार द्वारा पारित झारखंड विकलांग जन नीति में भी दिव्यांगजनों के समावेश के लिए अनेक प्रावधान हैं। इस दिशा में सरकार द्वारा अनेक प्रयास भी किए गए हैं जो सराहनीय हैं। फिर भी अनेक सुधार के बिंदु हैं, जिसके लिए निम्न मांगे रखी गई। इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता दिव्यांगजन खिलाड़ियों को खेल कोटे से सम्मान औऱ नौकरी में प्राथमिकता। दिव्यांगजनों के खेल के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार द्वारा अपेक्षित सहयोग। दिव्यांगजनों के खेल को प्रोत्साहित करने वाली संस्था को उचित पहचान एवं सम्मान शामिल है।