नई दिल्ली, दिल्ली हाइकोर्ट (Delhi Highcourt) ने गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। साल 2018 में उन पर लगे दुष्कर्म के आरोप के सिलसिले में यह आदेश दिया गया, जिसे चुनौती देते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रूख किया है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (the Chief Justice of India NV Ramana) की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का जिक्र किया गया और मामले पर तत्काल सुनवाई करने की मांग की गई।
बिहार सरकार में मंत्री रहे भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के वकील ने कहा है कि इस पर तुरंत सुनवाई होने की जरूरत है क्योंकि देर होने से उनकी छवि खराब होगी।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई अगले सप्ताह से करने का आश्वासन दिया है।शाहनवाज हुसैन के वकील ने कहा है, मेरे मुवक्किल राजनीति में पिछले 30 साल से हैं। उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है। अगर मामले की जल्द सुनवाई नहीं हुई तो पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी और याचिका रद्द हो जाएगी।
मालूम हो कि दिल्ली हाइकोर्ट को निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली हुसैन की याचिका में कोई दम नहीं दिखा और इसलिए इसे खारिज करने का फैसला लिया गया। कोर्ट ने इस दौरान कहा, एफआईआर तुरंत दर्ज कर जांच पूरी की जाए और सीआरपीसी की धारा 173 के तहत तीन महीने के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाए।
शाहनवाज हुसैन के वकील ने कहा है, ”मेरे मुवक्किल राजनीति में पिछले 30 साल से हैं। उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है। अगर मामले की जल्द सुनवाई नहीं हुई तो पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी और याचिका रद्द हो जाएगी।”
इससे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शाहनवाज हुसैन के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था। इस आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी गई, तो वहां भी इसे खारिज कर दिया। बुधवार को दिल्ली हाइकोर्ट ने भी नेता की याचिका को खारिज कर दिया।