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नेपाल तक है फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह का नेटवर्क, गोरखपुर में भी 14 साल पहले हुआ था खेल


गोरखपुर, । फर्जी पते पर पासपोर्ट बनवाने वाले गिरोह का नेटवर्क नेपाल तक फैला है। गोरखपुर में 36 नेपाली नागरिकों ने फर्जी प्रमाणपत्र के जरिये खुद को भारत का निवासी बताकर पासपोर्ट बनवा लिया। जांच के बाद 2015 में कैंट और शाहपुर थाने में पासपोर्ट धारकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। पांच वर्ष तक चली जांच के बाद पुलिस ने एक युवक को जेल भेजकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। पासपोर्ट का वेरीफिकेशन करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। संतकबीरनगर में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद इस प्रकरण की चर्चा फिर से शुरू हो गई है, लेकिन अधिकारी बोलने से बच रहे हैं।

यह था मामला

वर्ष 2005 से 2009 के बीच शहर के कूड़ाघाट, शाहपुर के पते पर नेपाली मूल के लोगों ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। इसमें पुलिस, एलआइयू के वेरीफिकेशन के बाद 36 लोगों को पासपोर्ट मिला था। भारत-नेपाल मैत्री समाज के तत्कालीन अध्यक्ष रहे मोहन लाल गुप्ता (अब दिवंगत) ने 2009 में अधिकारियों को प्रार्थनापत्र देकर फर्जी पते पर नेपाली नागरिकों के पासपोर्ट बनने की शिकायत की थी। जांच में आरोप सही मिला। पासपोर्ट बनवाने वाले 36 लोग रिकार्ड में दर्ज पते पर नहीं मिले। पूछताछ करने पर आसपास के लोगों ने भी जानकारी होने से इन्कार कर दिया। एलआइयू और पुलिस कर्मियों की कार्रवाई की जद में आने पर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। शासन में शिकायत के बाद वर्ष 2014 में नए सिरे से जांच हुई। इसमें कैंट क्षेत्र के पते पर 26 और शाहपुर के पते पर पासपोर्ट बनवाने वाले पांच लोग दोषी मिले थे।

सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई

15 जुलाई, 2015 को कैंट पुलिस व तीन दिन बाद शाहपुर पुलिस ने पासपोर्ट बनवाने वाले नेपाली नागरिकों पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने और 17 पासपोर्ट अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया। 21 फरवरी, 2020 को कैंट थाना पुलिस ने नंदानगर निवासी राजेश पासवान को गिरफ्तार जेल भेजा, लेकिन नेटवर्क से जुड़े अन्य लोग और सरकारी कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इन पर दर्ज हुआ था मुकदमा

सीमा राना, कल्पना थापा, मेनका थापा, विमला थापा, रामा गुरुंग, सीमा, सीमा पुत्री नरेश, कमला, प्रिया गुरुंग, सोनिया गुरुंग, आशा, आरती श्रेष्ठ, प्रीति गुरुंग, हेमा, संतोषी गुरुंग, कुमारी रमा थापा, गंगा थापा, आशा थापा, कल्पना गुरुंग, माया, रीता सुब्बा ,रूपा लामा, सिंधु रियल, संगीता गुरुंग, सूरज राना, अनिल गुरुंग।

छह पते से हुए थे आवेदन

पासपोर्ट बनवाने के लिए जीआरडी गेट, चंडी भवन, दुर्गा भवन, कूड़ाघाट, यादव निवास, जगरनाथ भवन के पते का इस्तेमाल किया गया था। इस पते पर कुल 53 नेपाली नागरिकों ने आवेदन किए थे, जिसमें 36 लोगों को स्थानीय निवासी बताते पुलिस और एलआइयू के अधिकारियों ने पासपोर्ट जारी करने की संस्तुति की थी।