नई दिल्ली, । अमेरिकी सीनेट की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ताइवान समेत एशियाई मुल्कों की यात्रा करके अमेरिका वापस लौट गईं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इससे आम ताइवानी नागरिकों को क्या मिला। क्या उनकी यात्रा के बाद ताइवानी नागरिकों के अंदर चीन के आक्रमण का भय सता रहा है। आखिर इस यात्रा को ताइवान के राजनेता और आम नागरिक किस रूप में ले रहे हैं। यूक्रेन जंग से ताइवानी नागरिकों ने क्या सबक सीखा है। अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो ताइवानी नागरिकों के पास उससे निपटने की क्या रणनीति होगी। इन तमाम सवालों पर विशेषज्ञों की क्या राय है।
1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में ताइवान ने पांच दिनों का सैन्य अभ्यास किया था। इस सैन्य अभ्यास में फायर ड्रिल्स और हवा और पानी में मारक क्षमता के जरिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था। उन्होंने कह कि सैन्य क्षमता के लिहाज से देखा जाए तो चीन के सामने ताइवान कमजोर है। ताइवान के टैंक, हथियार और फाइटर जेट उतने आधुनिक नहीं है। ताइवान के पास आधुनिक रडार और उस तरह का मिसाइल सिस्टम नहीं है। उसके पास आधुनिक पनडुब्बी नहीं है। यह बात तय है कि आमने-सामने की लड़ाई में ड्रैगन ताइवान से जीत जाएगा।
2- उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध से प्रेरणा लेकर ताइवान में युवा हथियार उठा रहे हैं। युवा लड़के और लड़कियां गन चलाना सीख रहे हैं। गन सीखने वालों में महिलाओं की अच्छी तादाद है। देश के नागरिक यह मान रहे हैं कि यूक्रेन में रूस की तरह चीन भी ताइवान पर हमला कर सकता है, लेकिन वह यूक्रेन के नागरिकों की तरह बचाव के तरीकों पर जोर दे रहे हैं। ताइवान में युवा समूहों के पास बाडी आर्मर, हेलमेट और रेडियो संचार के उपकरण हैं। उनके अंदर यह सोच है कि अगर चीन देश पर हमला करता है तो वह अपने परिवार और देश की रक्षा करेंगे।
3- अमेरिकी सीनेट की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद आम ताइवानी नागरिकों की चिंता बढ़ गई है। इन नागरिकों ने चीन के ग्लोबल टाइम्स के बयानों को पढ़ा है, जिसमें अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे के बाद चीन ने अंजाम भुगतने को कहा है। उन लोगों ने चीन के सरकारी मीडिया से आ रहे भड़कीले बयानों को सुना है। हालांकि, यूक्रेन हमले के बाद ताइवान के नागरिकों में एक हौसला दिखता है। सत्ताधारी पार्टी के सांसद फ्रेडी लिम का कहना है कि हम नैंसी पेलोसी जैसे शीर्ष अमेरिकी नेताओं का ताइवान में स्वागत करते हैं। यह चीन के खिलाफ उकसावा नहीं। यह सामान्य तरीके से एक दोस्त का स्वागत है। उधर, विपक्षी केएमटी पार्टी के सांसद चार्ल्स चेन ने कहा कि पेलोसी की ताइवान यात्रा अमेरिका के लिए ताइवानी लोकतंत्र के प्रति समर्थन दिखाने का अहम समय है।
4- ताइवान ने अमेरिका की तीसरी सबसे शक्तिशाली राजनेता को देश आने पर स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि प्रतिकात्मक रूप से उनकी यह यात्रा काफी मायने भी रखती है। नैंसी की यात्रा के बहाने ताइवान में पक्ष और विपक्ष में ताइवानी लोकतंत्र के लिए एकता दिखाने का एक बेहतरीन मौका भी रहा, लेकिन अहम सवाल यह है कि नैंसी की यह यात्रा ताइवान की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को बदल सकता है क्या? ताइवान को आजाद और लोकतांत्रिक देश का दर्जा दिलाने में यह यात्रा क्या उपयोगी होगी। ताइवान की राजनीतिक स्थिति को लेकर अब भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
5- प्रो पंत ने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध में एक खास बात सामने आई है कि जंग के दौरान एक महाशक्तिशाली देश के समक्ष कैसे एक कमजोर राष्ट्र लड़ सकता है। बशर्ते उसके अंदर राष्ट्रप्रेम का जज्बा हो। इस युद्ध में यूक्रेनी नागरिकों का लोहा पूरी दुनिया मान रही है। यूक्रेनी नागरिक जिस तहर से अपने और देश के बचाव के लिए सड़कों पर हथियार लेकर निकल पड़े हैं, उसने रूसी सैनिकों के लिए एक बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। रूसी जीत के लिए वह दीवार बनकर खड़े हो गए हैं। ताइवानी नागरिकों के लिए यह एक बड़ा सबक है।