रिपोर्ट्स के मुताबिक 18 पारंपरिक डीजल हमले की पनडुब्बियों की जगह नई पनडुब्बियों को शामिल करने के लिए नौसेना ने सरकार से इजाजत मांगी है. इन 18 पनडुब्बियों में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन और 6 परमाणु हमले वाली पनडुब्बी शामिल हैं. नौसेना का यह प्लान चीन की बढ़ती पनडुब्बी ताकत और भविष्य में हिंद महासागर में अपनी पैठ बनाए रखने का हिस्सा है.
भारतीय नौसेना के पास इस समय 12 पुरानी पारंपरिक हमलावर पनडुब्बियां और तीन नई कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियां हैं. 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 24 डीजल हमले वाली पनडुब्बियों को शामिल करने के लिए 30 वर्षीय पनडुब्बी योजना को मंजूरी दी थी. ऐसे में अब तक इनमें से पहली पनडुब्बी को दिसंबर 2017 में 23,652 करोड़ रुपये की परियोजना के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था. 2005 में इसकी स्वीकृति दी गई थी.