मसौढ़ी (पटना)(आससे)। निगरानी विभाग के द्वारा अचानक धनरूआ अंचल कार्यालय में धावा बोलकर अंचल निरीक्षक को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किए जाने के बाद अनुमंडल के मसौढी, धनरूआ एवं पुनपुन प्रखंड के वीडियो एवं अंचल कार्यालय में हडक़ंप सा मच गया है। लगभग यही हालात अनुमंडल कार्यालय का भी देखा जा रहा है। धनरूआ प्रखंड में एक बार फिर से एक कर्मचारी सह प्रभारी अंचल निरीक्षक निगरानी के हत्थे चढ़ गया है। गिरफ्तार अंचल निरीक्षक का नाम उमापति प्रसाद है जो 4000 घूस लेते हुए रंगे हाथ निगरानी ने दबोचा है।
निगरानी की कार्रवाई से धनरुआ प्रखंड में हडक़ंप मच गया है।दरअसल, ये मामला फजलचक निवासी अनिल कुमार से जुड़ा है। जिससे दाखिल खारिज के नाम पर अंचल निरीक्षक 4000 घूस ले रहे थे।ऐसे में घात लगाए बैठे निगरानी ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया। अंचल में लगातार शिकायत मिल रही थी। ऐसे में सोमवार को राजस्व कर्मचारी सह प्रभारी अंचल निरीक्षक उमापति प्रसाद को रंगे हाथ दबोच लिया गया जिसको लेकर पूरे अंचल में हडक़ंप मच गया है।
घूसखोरी के खिलाफ निगरानी विभाग की चल रही काररवाई से आज फिर धनरूआ में एक राजस्व कर्मचारी पकड़ा गया है। जिसको लेकर मसौढ़ी के धनरूआ एवं पुनपुन सरकारी कार्यालय में हडक़ंप मच गया। टीम को लीड कर रहे निगरानी के डीएसपी सत्यनारायण राम ने बताया कि दाखिल खारिज के नाम पर उमापति प्रसाद 4000 की घूस ले रहे थे।जिसे रंगे हाथ दबोच लिया गया है।
निगरानी विभाग केमुताबिक पिछले साल कोरोना काल की तुलना में इस वर्ष घूस लेने के मामले में बढ़ोतरी हुई है। अब तक काम करने या करवाने के बदले रिश्वत लेने में लिपिक राजस्व कर्मचारी,दरोगा, अभियंता और थानेदार सबसे अधिक आगे हैं। अगर इन सरकारी कर्मचारियों में तुलना की जाए तो विभिन्न विभागों में पदस्थापित विभिन्न वर्गों के लिपिक रिश्वत लेने के मामले में टॉप पर हैं। वहीं सरकारी कर्मचारी के अलावा जनप्रतिनिधि के रूप में कार्य करने वाले मुखिया भी पीछे नहीं हैं।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की कार्रवाई की रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष रिश्वत लेने के मामले में पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। इस मौके पर डीएसपी सत्यनारायण राम, पुलिस निरीक्षक मिथलेश कुमार जायसवाल, संजय चतुर्वेदी, ऋषि सिंह, शशिकांत कुमार सिंह सहित दस सदस्यीय धावा दल मौजूद थे।