पटना (विधि सं)। पटना हाई कोर्ट ने वैध चयन प्रक्रिया के तहत संविदा पर नियुक्त अमीनों को न्यूनतम पे- स्केल देने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके नियमितीकरण या संबंधित विभाग में दी जा रही सेवा काल तक न्यूनतम वेतनमान देने का आदेश दिया। कोर्ट ने न्यूनतम वेतनमान देने संबंधी आदेश को आदेश की प्राप्ति से दो महीनों के भीतर आरंभ करने को कहा है।
जस्टिस पी बी बजन्थरी की एकलपीठ ने प्रदीप कुमार व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किया। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका के जरिये डायरेक्टरेट ऑफ लैंड रेकॉर्ड्स एंड सर्वे के अंतर्गत स्थाई तौर पर नियुक्त अमीनों को दी जा रही न्यूनतम पे स्केल की तरह वेतन देने को लेकर याचिका दायर की थी।
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उनकी स्थाई तौर पर नियुक्त अमीनों की तरह योग्यता है और वे भी उनकी तरह ही समान काम के लिए समान वेतन के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा को राज्य सरकार द्वारा स्वीकार करने संबंधी 17 सितंबर, 2018 को लिए गए निर्णय को लागू करने हेतु आदेश देने का आग्रह भी किया था, जिसके अनुसार संविदा कर्मियों को सेवानिवृत्ति की उम्र तक बगैर किसी सेवा अवधि के विस्तार के संबंध में विशेष आदेश के काम काम करने की अनुशंसा की गई है।
याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना था कि जिला स्तर पर विभिन्न अंचल कार्यालयों में कार्यरत अमीनों को लेकर इस प्रकार का आदेश पहले से ही जारी किया जा चुका है। अधिवक्ता कुमार कौशिक ने बताया कि इसके अलावा याचिकाकर्ताओं ने ईपीएफ व यात्रा भत्ता आदि का लाभ देने का आग्रह भी किया था। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को निष्पादित कर दिया।