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पटना की जयश्री सिन्‍हा नौ भाषाओं में गाती हैं गाने, तीन साल पहले चली गई थी आंख की रोशनी


 पटना। मन में दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो इंसान के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। कुछ इसी बात को सच कर दिखाया है आठवीं कक्षा की छात्रा जय श्री ने। खजांची रोड में रहने वाली जयश्री सिन्हा भारत की विविधता को अपने गीतों में पिरो रही हैं। विदेशी भाषा स्पैनिश, फ्रेंच, अरेबिक और देशी भाषा तमिल, तेलगु, हिंदी, भोजपुरी, बंगाली और अंग्रेजी में गाने गाती है। वे नौ भाषाओं में गाना गाती है। जय श्री सिन्हा गीतों के माध्यम से लोगों तक भारत की विविधता को पहुंचाना चाहती हैं। वो कहती है कि भारत की विविधता ही हमारी संस्कृति है।

तीन साल पहले चली गई आंखों की रोशनी

जय श्री सिन्हा की मां अनामिका ने बताया कि तीन साल पहले 26 जुलाई 2018 को मेरी बेटी को दिमागी बुखार नामक बीमारी हो गई। जिसकी वजह से उसकी आंखों की रोशनी चली गई। इसके बाद भी वो हिम्मत नहीं हारी। अब वो आडियो सुनकर आगे की पढ़ाई कर रही है। मेरी बेटी संगीत के क्षेत्र में ही आगे बढ़ना चाहती है।

म्यूजिक टीम का बनाया गया था लीडर

जय श्री सिन्हा जब कक्षा छठी में पढ़ती थी उसी समय उसे स्कूल की म्यूजिक टीम का लीडर बना दिया गया था। उसी समय से जय श्री को गीतों को गाने में रुचि हो गई। जय श्री की मां अनामिका एक निजी अस्पताल में मैनेजर है, जबकि पिता एक निजी बीमा कंपनी के शाखा प्रबंधक है। मां अनामिका सिन्हा कहती है कि बेटी की आंख की रोशनी वापस लाने के लिए देश के बड़े अस्पतालों का चक्कर लगाए, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। अब भी अपनी बेटी के आंख की रोशनी को वापस लाने के लिए वो कई जगह प्रयास कर रही है।