पटना (आससे)। पटना के घोसवरी ब्लॉक में महिला बीडीओ के ऊपर जानलेवा हमला किया गया है। उनका बाल खींचा गया। बाल पकड़ कर मारा गया। इस कदर मारा कि सिर फट गया, वो गंभीर रूप से घायल हो गईं। घायल महिला बीडीओ का नाम कामिनी कुमारी है। उन पर जानलेवा हमला उस वक्त हुआ, जब वो अपने चेंबर से बाहर निकलीं। उनके चेंबर के बाहर करीब 20 लोग पहले से खड़े थे। इन्हीं लोगों ने कामिनी कुमारी पर हमला किया। उनकी गाड़ी को भी निशाना बनाया। आगे-पीछे के शीशे फोड़ दिए। कामिनी कुमारी को उनके ड्राइवर और गार्ड ने बचाया। फिलहाल घोसवरी पीएचसी में उनका उपचार किया जा रहा है। कामिनी कुमारी मोकामा में किराए के मकान में अकेले रहती हैं।
कुर्मीचक पंचायत में प्रहलादपुर पैक्स अध्यक्ष पद का चुनाव होना है। इसके लिए घोसवरी ब्लॉक कार्यालय में तीन लोगों ने नामांकन दाखिल किया था। नामांकन दाखिल करने वालों में पहले से अध्यक्ष रहीं सुनीता कुमारी, बलराम यादव और अखिलेश यादव शामिल हैं। आज हुई स्क्रूटनी में बीडीओ ने सुनीता कुमारी का नामांकन पास कर दिया, जबकि बलराम यादव और अखिलेश यादव के नामांकन को अयोग्य करार देते हुए रद्द कर दिया था। जिन दो उम्मीदवारों का नामांकन रद्द किया गया था, उनके समर्थक बीडीओ के चैंबर के बाहर इकठ्ठा हो गए थे।
सभी बीडीओ पर सुनीता कुमारी से प्रेरित होकर उनका नामांकन पास करने व बाकियों का रद्द करने का आरोप लगा रहे थे। इसी बीच बीडीओ जब अपने चैंबर से बाहर निकलीं तो गाड़ी पर चढऩे के क्रम में तीन-चार लोगों द्वारा अचानक हमला कर उनके साथ हाथापाई और मारपीट की गई। इस मारपीट में उनके सर और हाथ में चोटें आई हैं।
एक पंचायत पर एक पैक्स बनता है। इसमें अध्यक्ष के साथ 9 सदस्य कार्यकारिणी में शामिल होते हैं। इसमें वोटिंग का अधिकार सदस्य और सह सदस्यों के पास होता है। खेती करने वाले किसान इसके सदस्य होते हैं। सदस्य बनने के लिए को-ऑपरेटिव बैंक में 11 रुपए का चालान जमा करना पड़ता है। जिन दो लोगों का नामांकन अध्यक्ष पद के लिए रद्द किया गया उनके सदस्यों की रसीद नहीं थी। कल से ही बीडीओ रसीद देखने के लिए अड़ी हुई थी। रसीद को लेकर राज्य सरकार की तरफ से ही एक आदेश जारी किया गया था।
बीडीओ पर हुए जानलेवा हमला के मामले में घोसवरी थाना की पुलिस ने कुर्मीचक पंचायत के सरपंच मनोज यादव सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया है। इन सभी से पूछताछ की जा रही है।
घोसवरी की घटना पर पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। अपनी शिकायत और दावे को उचित माध्यम से रखना चाहिए। कानून हाथ में लेकर किसी अधिकारी-कर्मी के साथ मारपीट-हाथापाई करना दंडनीय अपराध है। इस मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। बाकियों को भी बख्शा नहीं जाएगा। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।