पटना

पटना: दोनों डोज लेने वाले संक्रमित मरीज- 7 दिनों  में दिये कोरोना को मात


पैरासीटामोल, बी-कम्प्लेक्स, एंटी-एलर्जी के दवाओं से मरीज दिये कोरोना को मात : प्राचार्य डा. विधापति चौधरी

दीपक कुमार-

पटना। कोरोना के तीसरी लहर में अधिकांश संक्रमित मरीज 7-10 दिनों में ठीक होकर घर लौट रहे है। वहीं दूसरी लहर में 14 दिनों की अवधि से ज्यादा कोरोना से ठीक होने में समय लग रहा था। इसका मुख्य कारण कोरोना का टीका। कोरोना का टीका लिये हुए लोगों पर कोरोना कम असर दिखाया। कोरोना के टीका लेने वाले संक्रमित हुए मरीज कम दिनों में ही ठीक हो रहे है।

इस संबंध में पीएमसीएच के प्राचार्य डा. विधापति चौधरी ने बताया कि इस बार कोरोना बहुत तेजी से पीक पर रहा। लेकिन, खासबात यह रही है कि जितना तेजी से लोग संक्रमित हुए। उतने ही तेजी से कोरोना को मात दे दिये। उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना वैक्सीन लिये हुए लोगों को कोरोना तो अटैक किया, लेकिन कम समय में ठीक हो गये।

कोरोना संक्रमित मरीजों को पारासीटामोल, एंटी एलर्जी, बी-कम्प्लेक्स दवाओं का इस्तेमाल किया गया। इसी दवा से मरीज ठीक होकर घर चले गये। उन्होंने बताया कि कोरोना के दोनो डोज लेने वाले लोगों को तीसरी लहर में बहुत फायदा मिला। क्योंकि, दोनों डोज लेने वाले लोगों के शरीर में एंट्रीबॉडी तैयार हो गया। इसके कारण जो लोग संक्रमित हुए है, वो बहुत जल्द ही कोरोना को मात दिये है।

संक्रमित मरीज डा.नम्रता आनंद ने बताया कि हमने कोरोना का दोनों टीका ले ली है। इसके बावजूद पिछले दिनों बुखार, सर्दी और खांसी का लक्षण दिखी। जब हमने कोरोना टेस्ट करवाया तो रिर्पोट में पॉजिटिव आ गयी। इसके बाद हमने होम आइसोलेट हो गये। एक सप्ताह तक होम आइसोलेट में रहे और घरेलू उपचार के साथ-साथ डॉक्टर के सलाह से कुछ दवाएं खायी। कुछ दिनों बाद सभी लक्षण नार्मल हो गये तो जांच कराया तो रिर्पोट निगेटिव आयी।

श्रुष्टिï विनम्र ने बताया कि इस बार दोनों डोज लेने का बहुत ही फायदा मिला। जब हमने कोरोना पॉजिटिव हुई तो बहुत ही कम समय में ठीक हो गये। दरअसल, पिछले दिनों खांसी और सर्दी जैसा महसूस होने लगी। जब कोरोना जांच कराई तो पॉजिटिव रिर्पोट आयी। जबकि, कोरोना की दोनो डोज लिये है। इसके बावजूद डॉक्टर की सलाह पर होम आइसोलेट हो गये और घरेलू उपचार के साथ कुछ दवा खाकर कोरोना की जंग जीत गये। इन्होंने बताया कि चार से पांच दिनों में कोरोना के सभी लक्षण खत्म हो गये। लेकिन, हमने सात दिनों तक एक रूम में कैद हो गये।