पटना

पटना: भतीजी ने चाची और चचेरे भाई को जलाकर मार डाला


संपत्ति के लिए वारदात, पांच नामजद, भतीजी और उसकी पुत्री गिरफ्तार

नौबतपुर (आससे)। नौबतपुर में संपत्ति के लोभ में भतीजी ने चाची और भाई को जलाकर मार डाला। घटना कर्णपुरा गांव में गुरुवार अहले सुबह हुई। मृतका 72 वर्षीय शांति कुअंर और 11 वर्षीय अमरेंद्र पासवान स्व. लालदास पासवान की पत्नी और दत्तक पुत्र था। ग्रामीणों ने आरोपी भतीजी माधुरी देवी और उसकी पुत्री सुधा कुमारी को मारपीट कर पुलिस को सुपुर्द कर दिया।

इस सिलसिले में मृतका के भांजा राजकुमार ने माधुरी देवी और उसकी पुत्री सुधा कुमारी,पुत्र सोनू और मोनू समेत पांच लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज की है।बताया जाता है कि शांति अपने गोद ली हुई बेटे के साथ घर में सोई हुई थी। तडक़े 2 बजे के आसपास किसी बहाने माधुरी ने अपनी चाची का दरवाजा खोलवाया। इसी बीच उसके साथ रहे अन्य लोग घर में घुस गए और शांति और अमरेंद्र को पकड़ हाथ,पांव और मुंह बांधकर अथवा गला घोंटकर हत्या करने के बाद शरीर पर किरासन तेल अथवा पेट्रोल छिडक़कर जलाकर मौत के घाट उतार दिया।

मृतका और आरोपियों का घर गांव से थोड़ी दूरी पर है। इस वजह से ग्रामीणों को इसकी भनक तक नहीं लगी। सुबह सोकर उठने के बाद ग्रामीणों को उस घर की ओर से दुर्गंध आने पर ग्रामीण जब वहां गए तो घर के मेन गेट का दरवाजा खुला देखा। जब अंदर घुसे तो एक कमरे में आग लगा और जले मांस का लोथड़ा देख ग्रामीणों को समझते देर नहीं लगी। कारण शांति और अमरेंद्र घर में नहीं थे। धीरे-धीरे खबर आग की तरह फैली और देखते देखते कर्णपुरा और आसपास के ग्रामीणों की भीड़ लग गई।

ग्रामीणों को घटना का कारण भी समझते देर नहीं लगी। लालदास की मौत के बाद से ही उसकी भतीजी माधुरी की नजर उसके धन संपत्ति पर थी। इसे लेकर माधुरी अपनी चाची से प्राय: लड़ाई झगड़ा करती थी। ग्रामीण आक्रोशित हो गए और माधुरी के घर पर धावा बोल दिया और उसे तथा उसकी बेटी सुधा को पकडक़र मारपीट करने लगे। इसी बीच किसी ने घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी।

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों चंगुल से माधुरी और उसकी बेटी को छुड़ाकर कब्जे में कर लिया। मामले की तफ्तीश और ग्रामीणों से पूछताछ के बाद अधजले शव के अवशेष को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आग इस कदर लगाई गई थी कि शांति का मात्र एक पांव और अमरेंद्र के शरीर का कुछ भाग हीं बचा था। पहचान में ही नहीं आ रहा था। दुर्गंध इतना की घर में घुसने की किसी की हिम्मत नहीं कर रही थी।

स्व. लालदास पासवान तीन भाई थे। लालदास पासवान, लालबहादुर पासवान और गोहारी पासवान। तीनों भाई में किसी भाई का पुत्र नहीं था। सिर्फ लालबहादुर पासवान की एक बेटी है माधुरी।गोहारी ने अपने भांजा को रख लिया था।लालदास संतान नहीं होने पर अनाथ आश्रम से एक बच्चा को गोद लिया था। अमरेंद्र वही बच्चा था। तीनों भाई की मौत हो चुकी है। माधुरी की नजर चाचा लालदास की संपत्ति पर थी। वह अमरेंद्र की परवरिश का प्राय: विरोध करती थी। लेकिन किसी तरह लालदास और शांति ने उसे पाला पोसा। लालदास बिहार फायर सर्विस में काम करते थे।

खानदानी जमीन के अलावे उन्होंने गांव और बिहटा के कन्हौली में जमीन खरीद रखी थी। जमीन करोड़ों रुपये की है। उसे बेंचने की शांति बात कर रही थी। इसके अलावे लालदास के सर्विस का करीब 10 लाख रुपये अभी हाल हीं में शांति को मिला था।इसकी भनक माधुरी को लगी तो वह ससुराल से मायके पहुंची और रुपये की मांग कर रही थी।इसे लेकर दोनों में काफी झगड़ा तकरार भी हुआ था। शांति अमरेंद्र की शादी की अगुआई भी कर रही थी। यह सब माधुरी को नागवार गुजर रहा था।

घटना की सूचना पर फुलवारी एएसपी मनीष कुमार ने मौका मुआयना कर मामले की तफ्तीश की।उन्होंने बताया कि शांति और उसके पुत्र अमरेंद्र को आरोपियों ने जिंदा जलाया या हत्या करने के बाद जलाया इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पायेगा।उन्होंने शेष आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का निर्देश थानाध्यक्ष को दिया।