नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की जज इंदिरा बनर्जी (Indira Banerjee) ने चुनाव के बाद बंगाल में हुए हिंसा (Post Poll Violence) की सुनवाई करने वाली बेंच से अपना नाम वापस ले लिया है. जस्टिस बनर्जी कोलकाता की रहने वाली है. उन्होंने कहा कि वो इस केस की सुनवाई नहीं करना चाहती हैं. बता दें कि बंगाल में 2 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. इस दौरान बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी. अब इनके परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में अदालत की निगरानी में जांच कराने और मामलों को सीबीआई या विशेष जांच दल (SIT) को ट्रांसफर करने का अनुरोध किया गया है.
जैसे ही मामले को सुनवाई के लिए लिया गया, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने कहा, ‘मुझे इस मामले की सुनवाई में कुछ कठिनाई हो रही है. इस मामले को दूसरी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए.’ न्यायमूर्ति एम आर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने आदेश दिया, ‘मामले को किसी अन्य उस पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें जिसमें न्यायमूर्ति बनर्जी हिस्सा नहीं हैं.’
SC ने मांगा जवाब
उच्चतम न्यायालय ने 18 मई को याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी और विश्वजीत सरकार और स्वर्णलता अधिकारी की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र से जवाब मांगा था. विश्वजीत सरकार के बड़े भाई और स्वर्णलता के पति चुनावी हिंसा में मारे गए थे.उन्होंने दलील थी कि ये एक बहुत ही गंभीर मामला है और राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना के दिन हुई दो भाजपा कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या में राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा था कि इस मामले में सीबीआई या एसआईटी द्वारा अदालत की निगरानी में जांच किए जाने की जरूरत है क्योंकि राज्य पुलिस शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.